LDA Annapurna Commercial Complex: लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ने शहर के एक पुराने और उपेक्षित व्यावसायिक केंद्र अन्नपूर्णा कमर्शियल कॉम्प्लेक्स को नए सिरे से सजाने का फैसला लिया है। दो दशक से खस्ताहाल इस कॉम्प्लेक्स को अब निजी बिल्डर को 30 साल की लीज पर सालाना 56.50 लाख रुपए में सौंपा जाएगा। इस कदम से कॉम्प्लेक्स का कायाकल्प कर इसे एक आधुनिक शॉपिंग, ऑफिस और एंटरटेनमेंट हब में तब्दील किया जाएगा। इससे न केवल स्थानीय लोगों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि रोजगार और आर्थिक गतिविधियों को भी बल मिलेगा। LDA इससे पहले शान-ए-अवध को भी निजी क्षेत्र में देकर फीनिक्स पलासियो जैसे सफल प्रोजेक्ट में बदल चुका है। अब अन्नपूर्णा कॉम्प्लेक्स को भी वैसी ही सफलता दिलाने की तैयारी है।
20 साल बाद बदलेगा नज़ारा
कानपुर रोड पर स्थित अन्नपूर्णा कमर्शियल कॉम्प्लेक्स की शुरुआत एक व्यावसायिक केंद्र के रूप में हुई थी, लेकिन वर्षों तक उपेक्षा, खराब रखरखाव और किरायेदारों की कमी के कारण यह परिसर सुनसान होता गया। अब LDA ने इसे निजी क्षेत्र के हवाले कर फिर से जीवंत करने की योजना बनाई है। इस परियोजना से शहरवासियों को एक अत्याधुनिक कॉम्प्लेक्स मिलने की उम्मीद है जिसमें मल्टीप्लेक्स, ब्रांडेड शोरूम, फूड कोर्ट और ऑफिस स्पेस की सुविधा होगी।
56.50 लाख की लीज और आधुनिक निर्माण का वादा
LDA के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि यह कॉम्प्लेक्स 30 वर्षों के लिए लीज पर दिया जाएगा, जिसमें हर साल 5% की लीज राशि में वृद्धि होगी। कुल 23,500 वर्गफीट क्षेत्र में बनने वाला यह आधुनिक केंद्र आकर्षक आर्किटेक्चर, वेंटिलेशन, बिजली, पार्किंग और फायर सेफ्टी जैसी सभी आवश्यक सुविधाओं से युक्त होगा। इसका उद्देश्य शहर की बदलती ज़रूरतों के अनुरूप एक ऐसा स्पेस तैयार करना है जो व्यवसाय और नागरिक सुविधाओं का संतुलन रखे।
शान-ए-अवध बना मिसाल, अन्नपूर्णा से भी उम्मीदें
LDA की इस योजना की तुलना 6 साल पहले शान-ए-अवध कॉम्प्लेक्स से की जा रही है, जिसे निजी हाथों में सौंपने के बाद फीनिक्स पलासियो मॉल के रूप में बदला गया। आज वह मॉल लखनऊ के सबसे लोकप्रिय स्थलों में से एक है। अब अन्नपूर्णा कॉम्प्लेक्स से भी उसी तरह की उम्मीद की जा रही है। स्थानीय व्यापारियों और निवासियों को भरोसा है कि यदि विकास सही दिशा में हुआ तो यह इलाका एक नया व्यावसायिक हब बन सकता है।
फायदे भी हैं, चुनौतियां भी
जहां एक ओर इस परियोजना से रोजगार, व्यापार और नागरिक सुविधाओं के क्षेत्र में लाभ की उम्मीद की जा रही है, वहीं कुछ चुनौतियां भी हैं। लखनऊ जनकल्याण महासमिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे ने पारदर्शिता और जनहित की आवश्यकता पर बल दिया है। कुछ लोगों की आशंका है कि आधुनिकीकरण के नाम पर किराया बढ़ सकता है, जिससे छोटे व्यापारी प्रभावित हो सकते हैं। LDA ने आश्वासन दिया है कि सभी पक्षों के हितों का ध्यान रखकर अनुबंध किया जाएगा। परियोजना पर कार्य जल्द शुरू होने की संभावना है।