Sundarkand Path Benefits:रामचरितमानस का सुंदरकांड अध्याय सिर्फ भक्ति भाव से भरा नहीं होता, बल्कि इसमें छुपे हैं जीवन बदलने वाले कई आध्यात्मिक रहस्य। माना जाता है कि जहां इसका पाठ होता है, वहां हनुमान जी की कृपा अपने आप बरसती है। अगर इसे श्रद्धा से पढ़ा जाए, तो जीवन में सकारात्मकता, आत्मविश्वास और मानसिक शक्ति बढ़ती है।
कब करें सुंदरकांड का पाठ?
हालांकि सुंदरकांड का पाठ किसी भी दिन किया जा सकता है, लेकिन मंगलवार और शनिवार इसके लिए सबसे शुभ माने गए हैं। खासकर शनिवार को यह पाठ करना बहुत फलदायक होता है, क्योंकि इस दिन हनुमान जी के साथ शनिदेव की कृपा भी प्राप्त होती है।
शनिवार को पाठ के लाभ क्या हैं?
मान्यता है कि शनिदेव हनुमान जी से डरते हैं। जब भक्त शनिवार को सुंदरकांड का पाठ करते हैं, तो उस पर शनि की टेढ़ी नजर नहीं पड़ती। जीवन की अड़चनें दूर होती हैं, नकारात्मक सोच कम होती है और मेहनत का फल जल्दी मिलने लगता है।
हनुमान-शनि कथा का महत्व
एक पुरानी कथा के मुताबिक, रावण ने शनिदेव को बंदी बना लिया था। हनुमान जी ने जाकर उन्हें छुड़ाया। इस उपकार के बदले शनिदेव ने वचन दिया कि जो भक्त शनिवार को हनुमान जी की पूजा करेगा और सुंदरकांड पढ़ेगा, उसे वे कोई कष्ट नहीं देंगे।
क्या मिलते हैं और फायदे?
सुंदरकांड में हनुमान जी की शक्ति, भक्ति और सेवा की प्रेरक कहानियां होती हैं। इसका नियमित पाठ करने से मन की इच्छाएं पूरी होती हैं, डर खत्म होता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है। यह पाठ मानसिक शांति और आध्यात्मिक ताकत भी देता है।
नकारात्मकता से मिलती है सुरक्षा
जो लोग सुंदरकांड का पाठ करते हैं, उनके आस-पास नकारात्मक ऊर्जा टिक नहीं पाती। इससे मन स्थिर होता है, साहस बढ़ता है और आत्मबल मजबूत होता है। घर का माहौल भी शांत और पवित्र बना रहता है।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सामान्य जानकारियों पर आधारित है।News1India इसकी प्रामाणिकता एवं सटीकता की जिम्मेदारी नहीं लेता है।किसी भी उपाय को अपनाने से पहले धार्मिक या विषय विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। निर्णय आपके विवेक पर निर्भर करता है।