Kushinagar Pakistani: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले से चौंकाने वाला मामला सामने आया है जहां एक पाकिस्तानी नागरिक सेराजुल हक को भारतीय पहचान पत्र बनवाने और उनका इस्तेमाल करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। एलआईयू की जांच में सामने आया कि सेराजुल ने फर्जी आधार कार्ड, वोटर आईडी और यहां तक कि आयुष्मान कार्ड भी बनवाकर इलाज तक करा लिया था। सेराजुल वर्ष 1957 में अपनी मां के साथ भारत आया था और लॉन्ग टर्म वीजा पर रह रहा था। लेकिन अब उसने भारतीय नागरिक की तरह पहचान बना ली थी। पुलिस ने इस फर्जीवाड़े में शामिल दो अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया है। प्रशासन अब अन्य सुरागों की तलाश में है।
मां के साथ आया, अब बना लिया भारतीय परिचय
Kushinagar पुलिस की एलआईयू टीम को गुप्त सूचना मिली थी कि पिपरा कनक गांव में एक पाकिस्तानी नागरिक लंबे समय से भारतीय पहचान के साथ रह रहा है। जांच में पता चला कि यह व्यक्ति सेराजुल हक है जो 1957 में अपनी मां के साथ भारत आया था। मां की मृत्यु के बाद भी वह लॉन्ग टर्म वीजा पर रह रहा था और हर साल नवीनीकरण करवा रहा था।
फर्जी दस्तावेजों की चौंकाने वाली सच्चाई
सेराजुल ने गांव के ही दो व्यक्तियों, चांद अख्तर और शब्बीर आजम की मदद से सहज जन सेवा केंद्र के माध्यम से आधार कार्ड, वोटर आईडी और आयुष्मान कार्ड बनवाए। चौंकाने वाली बात ये रही कि उसने आयुष्मान कार्ड का इस्तेमाल कर इलाज भी कराया।
ऑपरेशन सिंदूर बना खुलासे की वजह
ऑपरेशन सिंदूर के तहत जब एलआईयू ने सघन जांच शुरू की, तो सेराजुल के फर्जी दस्तावेज सामने आए। इसके बाद पुलिस ने उसे और उसके दोनों सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्र ने बताया कि यह गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला है।
अब Kushinagar पुलिस कर रही विस्तृत जांच
फिलहाल Kushinagar पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि सेराजुल हक ने किन-किन सरकारी योजनाओं का लाभ उठाया और क्या वह किसी अन्य गतिविधि में भी शामिल रहा है। अधिकारियों ने कहा है कि इस तरह की घटनाएं राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं और सभी पहलुओं पर छानबीन की जा रही है।