Mohanlalganj Crime: जिस शख्स ने पुलिस चौकी का जीर्णोद्धार कर गेट बनवाया और खुद का नाम वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ शिलापट पर दर्ज करवाया, अब वही आरोपी उसी थाने में दर्ज 23 मुकदमों के चलते सलाखों के पीछे पहुंच गया है। उत्तर प्रदेश के लखनऊ के Mohanlalganj थाने में लगे गेट का निर्माण प्रमोद कुमार उपाध्याय नाम के व्यक्ति ने कराया था, जिसे रविवार को पुलिस और एसटीएफ ने मिलकर गिरफ्तार किया। प्रमोद पर आरोप है कि उसने 100 से ज्यादा सैन्य परिवारों को सस्ते प्लॉट का झांसा देकर करोड़ों की ठगी की। उसका रसूख इतना था कि पुलिस चौकी की सूरत बदल दी और खुद को समाजसेवी की छवि में प्रस्तुत कर वर्षों तक धोखाधड़ी का साम्राज्य खड़ा कर लिया।
पुलिस चौकी को चमकाने वाला, अब खुद पुलिस के शिकंजे में
लखनऊ के Mohanlalganj थाने का शानदार गेट देखकर कोई अंदाजा नहीं लगा सकता था कि इसका निर्माता एक बड़ा जालसाज निकलेगा। प्रमोद उपाध्याय ने न केवल थाने का गेट बनवाया, बल्कि पूरी चौकी का रिनोवेशन कराया और नाम तक शिलापट पर अंकित करवा लिया। वर्ष 2017 में दो शहीदों के परिवारों को मुफ्त प्लॉट देकर उसने सैन्य परिवारों के बीच भरोसे की बुनियाद रखी, जिसे बाद में उसने सस्ते प्लॉट के नाम पर ठगी का जाल बुनने में इस्तेमाल किया।
प्लॉट का झांसा और करोड़ों की ठगी
प्रमोद उपाध्याय ने 100 से ज्यादा सैन्य और सामान्य परिवारों को सस्ते प्लॉट देने का लालच दिया। शुरुआत में उसने शहीदों के परिवारों को निशुल्क प्लॉट देकर भरोसा जीता और फिर उसी आधार पर अन्य लोगों को आकर्षित किया। मार्च में महाराष्ट्र की लक्ष्मी देवी ने जब केस दर्ज कराया, तब एसीपी रजनीश वर्मा द्वारा की गई जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए। पता चला कि पिछले चार महीनों में ही प्रमोद पर 19 नए मुकदमे दर्ज हुए हैं, और उसके खिलाफ कुल 20 थानों में मामले हैं।
चार टीमों ने मिलकर दबोचा आरोपी
डीसीपी नॉर्थन निपुण अग्रवाल के निर्देश पर एसीपी रजनीश वर्मा और एसटीएफ की टीमों ने प्रमोद की तलाश शुरू की थी। आखिरकार रविवार को उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, उसने करीब 100 परिवारों को करोड़ों की चपत लगाई। प्रमोद की पहचान कभी एक दानवीर और समाजसेवी के रूप में होती थी, लेकिन अब उसके ठगी के साम्राज्य की परतें खुलने के बाद वह कानून के शिकंजे में है।