Honeymoon A Sweet Beginning of Love and Bonding : शादी के बाद हनीमून शब्द हर किसी की जुबान पर आ जाता है। यह समय शादीशुदा जोड़े के लिए बहुत ही खास होता है, जब वे पहली बार एक-दूसरे के साथ अकेले कुछ पल बिताते हैं। हनीमून सिर्फ घूमने-फिरने या रोमांस तक ही सीमित नहीं होता, बल्कि यह दो लोगों के बीच आपसी समझ, भरोसा और प्यार को बढ़ाने का सबसे अच्छा मौका होता है।
हनीमून शब्द का मतलब
‘हनीमून’ दो अंग्रेजी शब्दों से मिलकर बना है। हनी (शहद) और मून (चांद)। शहद यानी मिठास और चांद यानी एक महीना। पुराने समय में यह माना जाता था कि शादी के बाद का पहला महीना सबसे ज्यादा मीठा और खुशियों भरा होता है, इसलिए इसे हनीमून कहा गया। इस दौरान कपल एक-दूसरे को बेहतर तरीके से जानता है और रिश्ते की शुरुआत बहुत खूबसूरती से होती है।
कहां से आया हनीमून का चलन?
हनीमून का चलन बहुत पुराना है। इसकी शुरुआत यूरोप से मानी जाती है। वहां शादी के बाद दूल्हा-दुल्हन को एक खास पेय पिलाया जाता था, जो शहद और पानी से बनाया जाता था। इसे पीने के बाद वह जोड़ा एक महीने तक साथ में वक्त बिताता था। यही कारण है कि शादी के पहले महीने को हनीमून कहा जाने लगा।
क्यों जरूरी होता है हनीमून?
शादी के तुरंत बाद हनीमून इसलिए भी जरूरी माना जाता है क्योंकि यह समय होता है जब कपल्स बिना किसी रुकावट के एक-दूसरे के साथ वक्त बिताते हैं। एक-दूसरे की पसंद-नापसंद को समझते हैं और रिश्ते की शुरुआत में प्यार और अपनापन बढ़ता है। इस दौरान शारीरिक और भावनात्मक जुड़ाव दोनों मजबूत होते हैं। वैज्ञानिक तौर पर भी यह साबित हो चुका है कि इस समय शरीर में डोपामाइन जैसे ‘लव हार्मोन’ ज्यादा बनते हैं, जो रिश्ते में खुशी और जुड़ाव बढ़ाते हैं।
हनीमून में क्या करते हैं कपल?
अक्सर लोग हनीमून को केवल इंटिमेसी से जोड़कर देखते हैं, लेकिन असल में यह समय कपल्स को मानसिक और भावनात्मक रूप से करीब लाने का होता है। इस दौरान वे साथ में घूमते हैं, बातें करते हैं, हँसते हैं और एक-दूसरे के साथ बिना किसी दखल के वक्त बिताते हैं। यह उनका अपना समय होता है, जिससे रिश्ता और मजबूत होता है।