पति को छोड़ भतीजे से रचाई शादी
Jamui के सिकहरिया गांव की रहने वाली आयुषी कुमारी की शादी आठ साल पहले विशाल दुबे से हुई थी। दोनों की एक चार साल की बेटी भी है। शुरुआत में उनका वैवाहिक जीवन ठीक-ठाक रहा, लेकिन दो साल पहले आयुषी की जिंदगी में नया मोड़ आया, जब विशाल के दूर के भतीजे सचिन दुबे से उसकी नजदीकियां बढ़ीं। सोशल मीडिया के जरिए शुरू हुई बातचीत जल्द ही प्रेम संबंध में बदल गई। धीरे-धीरे यह रिश्ता इतना गहरा हो गया कि आयुषी ने अपने पति और बच्ची को छोड़कर सचिन के साथ भाग जाने का फैसला कर लिया।
देश अलग स्तर पर है- नित नए मामले सामने आ रहे.
अब इसे ही देखिए 👇
जहां बिहार के जमुई में चाची-भतीजे ने शादी कर ली. pic.twitter.com/LHCFydRmj5
— Govind Pratap Singh | GPS (@govindprataps12) June 22, 2025
मंदिर में रचाई शादी, पति की मौजूदगी में
15 जून 2025 को आयुषी सचिन के साथ घर से फरार हो गई। विशाल ने इस पर Jamui पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। जांच में दोनों प्रेमी सामने आए और आयुषी ने Jamui कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। उसने स्पष्ट रूप से कहा कि वह सचिन के साथ रहना चाहती है और अपनी बेटी को भी अपने साथ नहीं रखना चाहती। इसके बाद 20 जून को गांव के शिव मंदिर में दोनों ने शादी रचाई। हैरान करने वाली बात यह रही कि इस शादी में आयुषी का पहला पति विशाल भी मौजूद था।
ग्रामीणों का विरोध, सोशल मीडिया पर बवाल
शादी के बाद आयुषी ने मीडिया से साफ कहा, “प्यार किसी से भी हो सकता है, अब नया वाला ही सबकुछ है।” इस बयान ने लोगों को और भी चौंका दिया। दूसरी तरफ, विशाल ने संयम दिखाते हुए कहा, “अगर मेरी पत्नी की खुशी इसमें है तो मैं उसे रोकूंगा नहीं।” हालांकि उन्होंने आयुषी के लगाए प्रताड़ना के आरोपों को झूठा बताया। यह वीडियो वायरल हुआ तो ग्रामीणों ने इस रिश्ते का विरोध करते हुए दोनों को गांव छोड़ने का फरमान सुनाया। फिलहाल, दोनों प्रेमी गांव छोड़ चुके हैं।
कानूनी अड़चन नहीं, मगर नैतिक सवाल बरकरार
Jamui पुलिस ने इस मामले में कोई कानूनी दोष नहीं पाया क्योंकि दोनों बालिग हैं और अपनी मर्जी से शादी की है। थानाध्यक्ष अमरेंद्र कुमार ने बताया कि कोर्ट में दोनों ने साथ रहने की इच्छा जताई। यह घटना बिहार में हाल के दिनों में सामने आई उन घटनाओं में से एक है, जिसने पारंपरिक रिश्तों की परिभाषा को चुनौती दी है। अब समाज के सामने यह सवाल है कि क्या प्यार की कोई सीमा नहीं होती, और क्या सामाजिक मर्यादाओं को नजरअंदाज करना उचित है?