Etawah incident: उत्तर प्रदेश के Etawah में कथावाचक के साथ जातिगत भेदभाव और बदसलूकी के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस प्रकरण पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने सरकार पर जमकर हमला बोला है। अखिलेश ने सवाल उठाया कि जब PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) समाज के लोग भागवत कथा सुन सकते हैं तो वे उसे सुना क्यों नहीं सकते? उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सरकार चाहे तो कथावाचक के लिए भी कानून बना ले। अखिलेश ने इटावा की घटना को भाजपा की हार्टलेस राजनीति करार दिया और चेतावनी दी कि अगर आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो PDA समाज के मान-सम्मान के लिए बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा।
अखिलेश बोले- भगवत कथा सबके लिए, बोलने से कोई रोक नहीं सकता
लखनऊ में प्रेस वार्ता करते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने Etawah की घटना पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार वर्चस्ववादी मानसिकता को बढ़ावा दे रही है, जो यह मानती है कि PDA समाज के लोग सिर्फ कथा सुन सकते हैं, लेकिन सुना नहीं सकते। अखिलेश ने कहा कि भगवत कथा सबके लिए होती है, किसी एक समाज का अधिकार नहीं। उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो कथावाचकों पर भी कानून बना लिया जाए। उन्होंने अपमानित कथावाचक को मंच पर बुलाकर सम्मान भी दिया और खुद उनसे भागवत कथा सुनकर एकजुटता दिखाई।
भाजपा को जिम्मेदार ठहराया, राष्ट्रपति का उदाहरण भी दिया
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ऐसे लोगों का साथ दे रही है, जो PDA समाज से दान और चढ़ावा तक नहीं लेना चाहते। उन्होंने कहा कि प्रभुत्ववादी सोच वालों को अगर इतनी आपत्ति है, तो फिर PDA समाज के पैसे, चढ़ावा और सहयोग भी न लें। अखिलेश ने कहा कि देश की राष्ट्रपति भी इस जातिवादी मानसिकता का शिकार हो चुकी हैं। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि अगर तीन दिन में उचित कार्रवाई नहीं हुई तो सपा बड़े आंदोलन का आह्वान करेगी।
सोशल मीडिया पर दी आंदोलन की चेतावनी
इससे पहले सोमवार रात अखिलेश यादव ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर घटना पर सख्त रुख दिखाया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि Etawah के बकेवर के दान्दरपुर गांव में कथावाचक और उनके सहायकों से जाति पूछी गई। PDA समाज का बताने पर प्रभुत्ववादी लोगों ने कथावाचक के बाल कटवा दिए, नाक रगड़वाई और इलाके की शुद्धि करवाई। अखिलेश ने इसे संविधान और व्यक्ति की गरिमा के खिलाफ बताते हुए तीन दिन में सख्त कार्रवाई की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि PDA के सम्मान से बढ़कर कुछ नहीं है और इस मुद्दे पर चुप नहीं बैठेंगे।