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महिला की लज्जा भंग के मामले में आरोपी बरी, दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा- सिर्फ गाली देना अपराध नहीं

दिल्ली हाईकोर्ट ने महिला की लज्जा भंग के मामले में आरोपी को बरी करने वाले निचली अदालत के फैसले में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया। कोर्ट ने यह भी माना कि आरोपी ने गंदी भाषा का इस्तेमाल किया और कुछ आपत्तिजनक इशारे भी किए थे।

by Gulshan
June 25, 2025
in Breaking, दिल्ली
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Delhi High Court
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Delhi High Court : दिल्ली हाईकोर्ट ने महिला की लज्जा भंग के आरोप में बरी किए गए व्यक्ति के खिलाफ निचली अदालत के फैसले में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया है। जस्टिस अमित महाजन की पीठ ने दिल्ली सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें सितंबर 2017 में दिए गए निचली अदालत के निर्णय को चुनौती दी गई थी।

निचली अदालत ने आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा 509 के तहत दोषमुक्त किया था। दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि केवल अपशब्दों का प्रयोग या अनुचित इशारों को, जब तक वे विशेष और स्पष्ट रूप में साबित न हों, धारा 509 के तहत अपराध नहीं माना जा सकता।

जस्टिस महाजन ने कही ये बात 

जस्टिस महाजन ने कहा कि मामले में आरोपी ने गंदे शब्दों के साथ कुछ अशोभनीय इशारे जरूर किए, लेकिन ये आरोप सामान्य स्वरूप के हैं। न तो कोई विशेष शब्दों का उल्लेख है, न ही इशारों का स्पष्ट विवरण, जिससे आरोपी की मंशा महिला की लज्जा भंग करने की साबित हो सके।

यह भी पढ़ें : दिल्ली की फैक्ट्री में भीषण आग: 4 की मौत, बचाव कार्य जारी…

कोर्ट ने 2025 में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का भी हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि यदि अपशब्दों का प्रयोग बिना ठोस और स्पष्ट कारण के किया गया हो, तो उसे धारा 509 के तहत अपराध नहीं माना जाएगा। दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपों को संदेह से परे साबित करने में असफल रहा है। इसलिए निचली अदालत का आरोपी को बरी करने वाला फैसला न्यायसंगत है और उसमें कोई दखल देने की आवश्यकता नहीं है।

Tags: Delhi High Court
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