Hotel Room Demand to Rise by 2030 देश में घरेलू यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अगले 7 सालों में करीब 10 लाख नए होटल रूम की जरूरत होगी। इसके लिए हॉस्पिटैलिटी सेक्टर खुद को तैयार कर रहा है। अनुमान है कि इस विस्तार से करीब 35 लाख लोगों को नौकरी के मौके मिल सकते हैं। खास बात यह है कि इनमें से 15 से 20 लाख नौकरियां छोटे शहरों में होंगी, क्योंकि अब बड़े होटल ब्रांड्स जैसे फाइव स्टार होटल भी मेट्रो शहरों की जगह छोटे शहरों में विस्तार की योजना बना रहे हैं।
टूरिज्म अब भारत के विकास की रीढ़
रेडिसन होटल ग्रुप के प्रबंध निदेशक निखिल शर्मा का कहना है कि भारत जैसे उभरते देश के लिए अब ट्रैवल और टूरिज्म विकास की नींव बनते जा रहे हैं। जहां दूसरे विकसित देशों में टूरिज्म का जीडीपी में योगदान करीब 10% होता है, वहीं भारत में यह अभी सिर्फ 2 से 3 फीसदी है। ब्रांडेड होटल अब धार्मिक और सांस्कृतिक शहरों को प्राथमिकता दे रहे हैं, जो छोटे स्तर के शहरों में आते हैं। इससे पर्यटन को एक नई दिशा मिलने की उम्मीद है।
रेडिसन की 2030 तक बड़ी योजना
Radisson ग्रुप 2030 तक 300 नए होटल खोलने की योजना बना रहा है, जिससे उनके कुल होटल की संख्या 500 हो जाएगी। इन नए होटलों में से 60% होटल छोटे और मझोले शहरों में बनाए जाएंगे। रेडिसन उन गिने-चुने होटल ब्रांड्स में से है जो बजट से लेकर लग्जरी सभी तरह की प्रॉपर्टी में काम करता है। फिलहाल इसका फोकस खासतौर पर छोटे शहरों में विस्तार पर है।
घरेलू टूरिस्ट की संख्या 250 करोड़ के पार
पर्यटन मंत्रालय के अनुसार, 2023 में 1.88 करोड़ विदेशी पर्यटक भारत आए, जबकि घरेलू स्तर पर 250 करोड़ यात्राएं दर्ज की गईं। कुंभ जैसे धार्मिक आयोजनों में उमड़ी भीड़ बताती है कि उत्तर भारत के धार्मिक और सांस्कृतिक शहरों में आने वाले समय में पर्यटन और बढ़ेगा।
उत्तर प्रदेश बना सबसे ज्यादा घूमे जाने वाला राज्य
2023 में कुल 251 करोड़ घरेलू यात्राएं दर्ज की गईं, जिनमें सबसे ज्यादा यानी 47.83 करोड़ पर्यटक उत्तर प्रदेश में पहुंचे। इसके बाद तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक जैसे राज्य रहे। इसके अलावा, चंडीगढ़, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और पंजाब जैसे राज्यों में भी 83 करोड़ से ज्यादा पर्यटक घूमने आए।