Property Purchase : भारत में जब लोग प्रॉपर्टी खरीदने का फैसला करते हैं, तो अक्सर जल्दबाजी में गलत निर्णय ले लेते हैं। सही जानकारी के अभाव में कई बार ऐसी प्रॉपर्टी खरीद ली जाती है, जो न तो फायदेमंद होती है और न ही भविष्य में किसी काम की। लोगों के मन में यह डर होता है कि अगर अभी नहीं खरीदी तो दोबारा मौका नहीं मिलेगा, और इसी जल्दबाज़ी में वे लंबे समय तक पछताते हैं। तो सवाल यह है कि कैसे पता लगाया जाए कि कौन-सी प्रॉपर्टी सही है, और कैसे बचा जाए घाटे के सौदे से?
प्रॉपर्टी की सही कीमत कैसे तय करें?
रियल एस्टेट एक्सपर्ट प्रदीप मिश्रा बताते हैं कि जब आप किसी प्रॉपर्टी में निवेश करने का सोचें, तो सबसे पहले उसके आसपास की हाल ही में बिकी हुई प्रॉपर्टीज़ की कीमतों की तुलना जरूर करें। किसी पर आंख मूंदकर भरोसा करने की बजाय खुद उस इलाके में जाकर सर्वे करें। जिन घरों की लोकेशन, सुविधाएं और साइज आपके संभावित फ्लैट से मिलती-जुलती हों, उनकी कीमतों को नोट करें।
अगर आपको दिल्ली में 100 वर्गमीटर का 2BHK फ्लैट खरीदना है तो,
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105 वर्गमीटर का फ्लैट 65 लाख में बिका हो तो, 100 वर्गमीटर का रेट होगा करीब 64.75 लाख।
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95 वर्गमीटर का फ्लैट 60 लाख में बिका है तो, 100 वर्गमीटर का मूल्य लगभग 60.25 लाख हो जाएगा।
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अगर किसी ने 100 वर्गमीटर का फ्लैट 62 लाख में खरीदा, तो वही कीमत आपके लिए भी लागू हो सकती है।
कानूनी दस्तावेज़ों की जांच करना न भूलें
कीमत तय करने के बाद अगला जरूरी कदम है – प्रॉपर्टी के कागज़ातों की जांच। सुनिश्चित करें कि वह प्रॉपर्टी किसी कानूनी विवाद में नहीं फंसी है।
सभी दस्तावेज़ों को किसी अनुभवी वकील से जरूर जांचवाएं – जैसे,
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टाइटल डीड
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एन्कंब्रेंस सर्टिफिकेट
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बिल्डिंग अप्रूवल
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पजेशन लेटर
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रजिस्ट्री पेपर्स आदि।
कई लोग सस्ती कीमत देखकर बिना पेपर चेक किए खरीददारी कर लेते हैं, जिससे बाद में काफी परेशानी उठानी पड़ती है।
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भविष्य की संभावनाओं पर रखें नजर
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले यह जरूर देखें कि उस क्षेत्र का भविष्य कैसा है। क्या वहां मेट्रो, ट्रेन या हाईवे जैसी कनेक्टिविटी विकसित हो रही है? आसपास अच्छे स्कूल, अस्पताल या कोई कमर्शियल प्रोजेक्ट तो नहीं आ रहा? अगर वह इलाका विकास से कट गया है, तो आगे चलकर न तो किराए में मुनाफा होगा, न ही रिसेल वैल्यू में।
बजट और खर्चों की पूरी करें प्लानिंग
प्रॉपर्टी का सिर्फ बेस प्राइस देखना काफी नहीं होता। इसके अलावा आपको निम्नलिखित खर्चों का भी अंदाज़ा लगाना चाहिए:
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स्टांप ड्यूटी
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रजिस्ट्रेशन फीस
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मेंटेनेंस चार्ज
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सोसाइटी फीस
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होम लोन प्रोसेसिंग फीस
अगर लोन ले रहे हैं, तो ध्यान रखें कि आपकी EMI सैलरी के 40-50% से ज्यादा न हो। पुरानी प्रॉपर्टी खरीदते समय यह जरूर देखें कि उसकी मरम्मत या रखरखाव में बहुत ज्यादा खर्च न आ जाए। इसी के साथ ये भी देखें कि जिस इमारत में आप फ्लैट ले रहे हैं, वह कितने साल पुरानी है और उसकी निर्माण गुणवत्ता कैसी है। बिल्डिंग पुरानी है तो स्ट्रक्चर, लिफ्ट, वॉटर सप्लाई जैसी मूलभूत सुविधाएं कमजोर हो सकती हैं।
एक्सपर्ट और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स की मदद लें
स्थानीय रियल एस्टेट एजेंटों से सलाह लेना फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि वे मार्केट की ग्राउंड रियलिटी को बेहतर जानते हैं। साथ ही ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे 99acres, MagicBricks और Housing.com की मदद से आप इलाके की कीमतों का तुलनात्मक विश्लेषण कर सकते हैं।