UP Link Expressway: उत्तर प्रदेश में अब पूर्वांचल और पश्चिमी इलाकों को जोड़ने के लिए एक और महत्वपूर्ण एक्सप्रेसवे बनने जा रहा है। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को जोड़ने वाले इस नए लिंक एक्सप्रेसवे से न केवल लखनऊ शहर के ट्रैफिक जाम में राहत मिलेगी, बल्कि दिल्ली से बिहार तक निर्बाध यात्रा का रास्ता भी खुलेगा। करीब 50 किलोमीटर लंबे इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे की लागत लगभग ₹4,776 करोड़ आंकी गई है। यह एक्सप्रेसवे मोहन और मोहनलालगंज होते हुए लखनऊ के दक्षिणी हिस्से से गुजरेगा। परियोजना को हाल ही में कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है और इसे प्रदेश के महत्त्वाकांक्षी इंफ्रास्ट्रक्चर प्लान का हिस्सा बताया जा रहा है।
परियोजना का उद्देश्य और महत्त्व
इस UP Link Expressway का मुख्य उद्देश्य आगरा-लखनऊ और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के बीच सीधा, तेज और सुगम मार्ग प्रदान करना है। वर्तमान में, दोनों एक्सप्रेसवे को जोड़ने वाला कोई सीधा रूट नहीं है, जिससे यात्रियों को लखनऊ के भीतर से होकर जाम भरे रास्तों से गुजरना पड़ता है। इस परियोजना के पूरा होने के बाद न केवल यात्रा का समय घटेगा बल्कि व्यापार, उद्योग और पर्यटन को भी बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा। अयोध्या, वाराणसी, और गोरखपुर जैसे धार्मिक स्थलों तक पहुंचना भी पहले से कहीं आसान हो जाएगा।
परियोजना की स्थिति और अगला कदम
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस UP Link Expressway परियोजना को 3 जुलाई 2025 को कैबिनेट में मंजूरी दी है। अभी इसका विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार किया जा रहा है। नोएडा की एमएस पार्क फ्यूचरिस्टिक कंपनी को इसका निर्माण कार्य सौंपा गया है, लेकिन भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हुई है। सरकार इस परियोजना को महाकुंभ 2025 से पहले शुरू करने के लिए प्राथमिकता दे रही है। निर्माण कार्य डीपीआर फाइनल और भूमि अधिग्रहण के बाद ही शुरू हो पाएगा।
रूट और कनेक्टिविटी का लाभ
यह UP Link Expressway आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के लखनऊ के पहले टोल प्लाजा से शुरू होकर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के गोसाईगंज के पास चंद सराय गांव तक पहुंचेगा। यह मोहन और मोहनलालगंज होते हुए शहर के बाहरी इलाके से गुजरेगा, जिससे शहरी ट्रैफिक प्रभावित नहीं होगा। इस एक्सप्रेसवे से एनसीआर, दिल्ली, आगरा, लखनऊ, पूर्वांचल और बिहार तक निर्बाध यात्रा संभव होगी। साथ ही, यह आगामी बक्सर-गाजीपुर एलिवेटेड रोड से भी जुड़कर पूरे पूर्वी भारत के लिए मजबूत संपर्क बनाएगा।
आधुनिक सुविधाएं और सुरक्षा
यह छह लेन का ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे होगा, जिसे भविष्य में आठ लेन तक बढ़ाया जा सकेगा। इसमें रेस्ट एरिया, फूड कोर्ट, पेट्रोल पंप, ईवी चार्जिंग स्टेशन, सीसीटीवी निगरानी, एक्सप्रेसवे मित्र मोबाइल ऐप, 24×7 पेट्रोलिंग और एमरजेंसी एंबुलेंस जैसी सुविधाएं मिलेंगी। तेज गति पर नियंत्रण के लिए ई-चालान प्रणाली भी लागू की जाएगी। इसके किनारे औद्योगिक कॉरिडोर और नई औद्योगिक बस्तियां विकसित करने की योजना है।
संभावित चुनौतियां
इस UP Link Expressway परियोजना के सबसे बड़े चुनौती भूमि अधिग्रहण और पर्यावरणीय स्वीकृति हैं। अगर भूमि अधिग्रहण में देरी होती है तो निर्माण कार्य भी पीछे खिसक सकता है। इसके अलावा, तेजी से बढ़ती ट्रैफिक को संभालने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा उपायों की भी आवश्यकता होगी, जैसा कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के हालिया अनुभवों से पता चलता है।
आगरा-लखनऊ से पूर्वांचल को जोड़ने वाला यह लिंक एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के “एक्सप्रेसवे प्रदेश” बनने के सपने को और मजबूती देगा। यह न केवल यात्रा को आसान बनाएगा बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था, व्यापार, पर्यटन और रियल एस्टेट सेक्टर में भी नए अवसर खोलेगा। परियोजना भले ही अभी शुरुआती चरण में हो, लेकिन इसके पूरा होते ही प्रदेश के परिवहन नक्शे में एक ऐतिहासिक बदलाव देखने को मिलेगा।
अगर आप इस परियोजना से जुड़े नवीनतम अपडेट, टोल दरें या रूट मैप जानना चाहते हैं, तो उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (UPEIDA) की आधिकारिक वेबसाइट upeida.up.gov.in पर नजर बनाए रखें।
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