Delhi High Court : नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) ने 15 मई को एक बड़ा फैसला लेते हुए ‘सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ और ‘सेलेबी दिल्ली कार्गो टर्मिनल मैनेजमेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी थी। यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया जब कुछ ही दिन पहले तुर्किये ने पाकिस्तान का पक्ष लिया था और भारत द्वारा पड़ोसी देश में आतंकवादी ठिकानों पर की गई कार्रवाई की आलोचना की थी।
सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज भारत के विभिन्न प्रमुख हवाई अड्डों पर ग्राउंड हैंडलिंग सेवाएं तथा कार्गो टर्मिनल संचालन का कार्य देखती है। इन कंपनियों की जिम्मेदारी हवाई अड्डों पर विमान की पार्किंग से लेकर, यात्रियों और सामान की हैंडलिंग तक के कार्यों को सुरक्षित और कुशलता से संपन्न करना है।
राष्ट्रीय सुरक्षा को बताया गया अभूतपूर्व खतरा
सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता ने इस कदम को उचित ठहराते हुए कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में विमानन क्षेत्र में “अभूतपूर्व सुरक्षा खतरे” की स्थिति बन गई है। इसके जवाब में सेलेबी के वकीलों ने दलील दी कि बिना उचित नोटिस दिए और बिना उनका पक्ष सुने, मंजूरी रद्द करना प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों और नागरिक उड्डयन सुरक्षा विनियमों का उल्लंघन है। उनका कहना था कि BCAS के महानिदेशक को पहले कंपनी को प्रस्तावित कार्रवाई की जानकारी देनी चाहिए थी और उन्हें अपनी बात रखने का अवसर भी देना चाहिए था।
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सरकार ने 19 मई को यह स्पष्ट किया कि यह निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा की प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। अधिकारियों को ऐसी जानकारी प्राप्त हुई थी, जिसके आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया कि वर्तमान वैश्विक और क्षेत्रीय हालात में इन कंपनियों को हवाई अड्डों पर कार्य करने देना संभावित खतरे को जन्म दे सकता है। सेलेबी भारत के विमानन क्षेत्र में पिछले डेढ़ दशक से सक्रिय है और देशभर में नौ हवाई अड्डों पर अपनी सेवाएं दे रही है। कंपनी में 10,000 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं, जो इसे इस क्षेत्र की एक प्रमुख सेवा प्रदाता बनाते हैं।