लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जनपद में धर्मान्तरण की फैक्ट्री चला रहा छांगुर और उसकी गर्लफ्रेंड नीतू उर्फ नसरीन को यूपी एटीएस ने कुछ दिन पहले लखनऊ स्थित एक होटल से अरेस्ट किया था। जिहादी छांगुर ने एटीएस की पूछताछ में कई राज उगले। शातिर की दिलरूबा ने भी सनसनीखेज खुलासे किए हैं। छांगुर हिन्दू युवतियों को अपने जाल में फंसाकर उनका धर्मांतरण किया करता था। उसके गैंग के लोग इन लड़कियों को लव जिहाद के ज़रिए छांगुर के पास लाते थे, जहां उनका ब्रेन वॉश वह किया करता था। छांगुर के इस काम में नीतू उर्फ नसरीन पूरा साथ देती थी। नसरीन ही छांगुर की खजांची थी। पैसे का लेनदेन यही किया करती थी। छांगुर के साथ नसरीन 24 घंटे रहती थी। छांगुर ने नसरीन के लिए आलीशान ‘ताजमहल’ भी बनवाया था, जो लग्जरी सविधाओं से लैस था।
उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में छांगुर ने धर्मान्तरण का नेटवर्क खड़ा कर लिया था। पाकिस्तानी खूफिया एजेंसी से भी छांगुर की दोस्ती थी। मुस्लिम देशों में भी धर्मान्तरण का कारोबार छांगुर चला रहा था। बदले में वहां से जेहादी को करोड़ों की रकम मिलती थी। छांगुर की दोस्ती प्रयागराज के माफिया अतीक अहमद से भी थी। छांगुर ने अतीक के लिए चुनाव प्रचार भी किया। चुनाव के वक्त पैसे भी लगाए। अतीक के घर चकिया में भी वह आता और शाइस्ता परवीन उसकी खतिरदारी करती। छांगुर के साथ नीतू उर्फ नसरीन कई सालों से साये की तरह रहती थह और उसके के सारे काले कारनामों में शामिल थी। छांगुर उसे अपनी प्रेमिका और पत्नी की तरह साथ रखता था। जिसके बाद उसे लेकर भी कई तरह के कयास लग रहे हैं कि आखिर नीतू बाबा के पास आई और उसकी इतनी करीबी हो गई।
जानकारी के मुताबिक नीतू उर्फ नसरीन मूलरूप से तमिलनाडु की रहने वाली है। वो अपने पति नवीन वोहरा के साथ मुंबई में रहती थी। शादी के बाद उसे प्रेगनेंसी में दिक्कतें आ रही थीं, जिसकी वजह से वो परेशान रहती थी। इसी सिलसिले में उसकी मुलाकात छांगुर से हुई। बड़ी उम्मीद लेकर नीतू छांगुर बाबा के पास चली गई और उसने अपनी सारी दिक्कतें बताईं। नीतू ने अपने पति नवीन वोहरा को भी छांगुर बाबा से मिलवाया। जिसके बाद छांगुर ने उसे अंगूठियां दी और कुछ दवाईयां दी। जिससे उसे फायदा हुआ। इसके बाद नीतू अक्सर छांगुर से मिलने लगी। इस दौरान वो छांगुर की बातों से बहुत प्रभावित हुई और उनकी करीबियां बढ़ती गईं। जब उन दोनों का छांगुर बाबा पर पूरी तरह भरोसा बढ़ गया तो वो उन्हें अपने साथ दुबई ले गया, जहां उसने नीतू और उसके पति नवीन वोहरा का धर्मांतरण करवाया।
धर्मांतरण के बाद नीतू नसरीन बन गई और नवीन वोहरा को छांगुर ने अपना नाम जलालुद्दीन दे दिया। इसके बाद दोनों पति-पत्नी छांगुर के राज़दार बन गए। नीतू का छांगुर के साथ करीबी बढ़ती गई। इसके बाद दोनों का रिश्ता ऐसा था कि उसकी पति आगे बैठकर गाड़ी चलाता था और नीतू छांगुर के साथ पीछे वाली सीट पर बैठती थी, जहां से वो दोनों धर्मांतरण के खेल रचते थे। छांगुर बाबा ने नीतू और नवीन वोहरा इन दोनों के नाम पर कई बैंक खाते भी खोले और करोड़ों की संपत्तियां खरीदी। नीतू उर्फ नसरीन छांगुर की बेगम बन गई। दोनों देश के बाहर भी गए। देश में जहां भी छांगुर जाता, उसके साथ नसरीन भी होती। जिस होटल से छांगुर को अरेस्ट किया, उस वक्त नसरीन भी उसके साथ थी। दोनों होटल में कई माह से रूके हुए थे। सूत्र बताते हैं कि छांगुर नसरीन को अपनी गर्लफ्रेंड बताया करता था। छांगुर के बैंकों की चाबी नरसीन के पास ही रहती थी।
बलरामपुर में पुलिस प्रशासन ने छांगुर की जिस कोठी को बुलडोज़र से ध्वस्त किया है वो कोठी भी नीतू के नाम पर ही थी। पुणे में 16 करोड़ की संपत्ति भी नीतू के नाम पर ली गई थी। यहीं नहीं बलरामपुर में एक 50 लाख का शोरूम बाबा ने नीतू के पति नवीन वोहरा के नाम पर है। छांगुर ने नसरीन के लिए आलीशान कोठी बनवाई थी, जो ताजमहल से कम नहीं थी। कोठी के अंदर लग्जरी व्यवस्था थी। कोठी के चारों तरह से दीवारों से घेरा गया था। कोठी के अंदर बाहर सीसीटीवी कैमरे लगे थे। छांगुर और नरसीन कोठी के अंदर से ही बाहर नजर रखते थे। कोठी की चारदिवारी पर तार लगवाए गए थे। तारों में बिजली का करंट रहता था। सूत्र बताते हैं कि कोठी के अंदर से पुलिस को शरीरिक क्षमता वाली दवाएं भी मिली हैं, जो विदेशों से मंगवाई गई थीं। छांगुर इन दवाओं का सेवन किया करता था। कोठी के अंदर से वह हिन्दू लड़कियां का धर्म परिवर्तन करवाता था।