Pure Air & Positivity: हिंदू धर्म में पूजा के समय कपूर जलाना आम बात है। लेकिन अगर इसमें लोबान और गुग्गल भी मिला दिया जाए तो इसका असर और भी अच्छा होता है। यह न सिर्फ पूजा को पवित्र बनाता है, बल्कि घर की नकारात्मक ऊर्जा को भी दूर करता है। इससे घर में शांति और सकारात्मकता का माहौल बनता है।
मन को मिलती है शांति और सुकून
जब कपूर के साथ गुग्गल और लोबान जलाए जाते हैं, तो इसकी खुशबू घर के वातावरण को शांत और पवित्र बना देती है। इसकी मीठी महक तनाव को कम करती है और दिमाग को शांति देती है। इससे मन हल्का और शांत महसूस होता है।
सांस की परेशानी में राहत
अगर लोबान को गाय के उपले और देसी घी के साथ जलाया जाए, तो यह धुआं सांस से जुड़ी समस्याओं में राहत देता है। खासकर अस्थमा और सांस फूलने जैसी दिक्कतों में यह बहुत फायदेमंद होता है। यह तरीका पुराने समय से आजमाया जाता रहा है।
बैक्टीरिया और कीटाणु होते हैं खत्म
जब घर में कपूर, लोबान और गुग्गल को मिलाकर जलाया जाता है, तो उससे निकलने वाला धुआं बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करता है। इससे संक्रमण, बुखार और पेट से जुड़ी बीमारियों के कीटाणु भी मर जाते हैं। यह तरीका एक तरह का प्राकृतिक सैनिटाइज़र भी है।
घर की हवा बनती है साफ और ताजगी भरी
गुग्गल और कपूर में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं। जब इन दोनों को जलाया जाता है, तो ये घर के अंदर की हवा को साफ करते हैं। यह धुआं हवा में मौजूद हानिकारक तत्वों को खत्म करता है और वातावरण को स्वच्छ और ताजा बना देता है।
कब और कैसे करें इसका उपयोग?
इस धुएं को रोज़ाना पूजा के बाद या सप्ताह में कुछ दिन घर में जरूर किया जा सकता है। एक छोटी कटोरी में कपूर रखें, उसमें थोड़ा सा लोबान और गुग्गल डालें और जलाएं। इससे न सिर्फ पूजा में शुद्धता आती है बल्कि घर में सकारात्मक ऊर्जा भी बनी रहती है।
अगर आप अपने घर का माहौल शुद्ध और सुकूनभरा बनाना चाहते हैं, तो कपूर के साथ लोबान और गुग्गल का धुआं जरूर आजमाएं। यह एक आसान, पारंपरिक और असरदार तरीका है।