Operation Mahadev News: जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ जारी अभियान में सुरक्षाबलों को एक बड़ी सफलता मिली है। सोमवार को श्रीनगर के लिडवास इलाके में चलाए गए ‘ऑपरेशन महादेव’ में पहलगाम आतंकी हमले में शामिल आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) के तीन आतंकियों को मार गिराया गया। यह संयुक्त ऑपरेशन सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा अंजाम दिया गया। मारे गए आतंकी 22 अप्रैल को पहलगाम के बायसरण वैली में हुए नृशंस हमले के लिए जिम्मेदार थे, जिसमें 26 पर्यटकों की मौत हो गई थी, जिनमें से अधिकांश को नाम पूछकर गोली मारी गई थी। इस बीच, दाछीगाम फॉरेस्ट के ऊपरी हिस्सों में अभी भी तलाशी अभियान जारी है, जहाँ और आतंकियों के छिपे होने की आशंका है।
लिडवास, श्रीनगर से सटा एक घना जंगली क्षेत्र है जो त्राल से पहाड़ी रास्तों से जुड़ता है। इस इलाके में पहले भी TRF की आतंकी गतिविधियों की खबरें आती रही हैं। सेना की चिनार कॉर्प्स, जो इस ऑपरेशन का नेतृत्व कर रही है, ने तीन आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि की है। सुरक्षाबल इलाके में पहले से सर्च ऑपरेशन चला रहे थे, जब इन आतंकियों का पता चला और मुठभेड़ में उन्हें मार गिराया गया।
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इसी Operation Mahadev दौरान, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस का एक संयुक्त ऑपरेशन दाछीगाम फॉरेस्ट के ऊपरी हिस्सों में जारी है। दाछीगाम को TRF का एक प्रमुख ठिकाना माना जाता है। इसी इलाके में जनवरी में भी TRF का एक ठिकाना ध्वस्त किया गया था। दो दिन पहले संदिग्ध गतिविधियों का पता चलने के बाद सोमवार को सर्च ऑपरेशन के दौरान अचानक गोलीबारी हुई, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने पूरे क्षेत्र को घेर लिया और ऑपरेशन तेज कर दिया। सुरक्षा एजेंसियों को संदेह है कि जंगलों में अभी भी TRF के और आतंकी छिपे हो सकते हैं।
हाल ही में TRF ने नियंत्रण रेखा (LoC) के पास हुए लैंड माइन ब्लास्ट की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें सेना का एक जवान शहीद हो गया था और तीन घायल हुए थे। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे ऑपरेशन के कारण घरों में रहें और क्षेत्र से दूर रहें। इलाके में सुरक्षा बलों की भारी तैनाती है और ऑपरेशन अभी भी जारी है।
पहलगाम हमले के जवाब में भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ लॉन्च किया था, जिसके तहत पाकिस्तान में स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर ‘सटीक’ एयर स्ट्राइक की गई थी। इन हमलों में बहावलपुर और मुरिदके जैसे इलाकों में स्थित लश्कर जैसे आतंकी संगठनों के गढ़ों को निशाना बनाया गया था और कई हाई-वैल्यू टारगेट्स को मार गिराया गया था, साथ ही आतंक फैलाने वाले इन्फ्रास्ट्रक्चर को तबाह किया गया था।