लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में बीतेदिनों अजब-गजब का मामला सामने आया था। यहां की पुवायां तहसील में एसडीएम रिंकू सिंह राही ने कान पकड़ कर उठक-बैठक की। किसी ने पूरे प्रकरण का वीडियो बना लिया और सोशल मीडिया में वायरल कर दिया। जिसके बाद शासन ने एक्शन लेते हुए आईएएस अफसर रिंकू सिंह का तबादला करते हुए उन्हें राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया।
एसडीएम सिंह ने ट्रांसफर के बाद एक न्यूज अखबार के साथ बातचीत के दौरान कई खुलासे किए। तबादले का दर्द भी उन्होंने बयां किया। आईएएस अधिकारी रिंकू सिंह राही ने अखबार को दिए इंटरव्यू के दौरान दावा किया कि यह जो खेल हुआ है, वह सिर्फ सफाई और गंदगी से संबंधित मामला नहीं है। यह सिस्टम की सफाई से जुड़ा मामला भी है, जिसे ठीक करना चाहता था। आईएएस अधिकारी रिंकू सिंह ने कहा कि एसडीएम के तौर पर पुवायां में ड्यूटी के पहले ही दिन मत्स्य पालन के लिए तालाबों की नीलामी और राजकीय गोसदन सिमरा वीरान की भूमि नीलामी की फाइलें उनके पास आईं थीं।
आईएएस अफसर ने बताया कि 30 जून को नीलामी होनी थी। दोनों में गड़बड़ी यह थी कि गांव में बिना मुनादी कराए नीलामी की जानी थी। इससे चहेते लोगों के पक्ष में नीलामी की जा सकती है। उन्होंने इसे निरस्त कर दिया। उन्होंने कहा कि गांवों में मुनादी होने और लोगों की जानकारी में आने के बाद ही नीलामी होगी, ताकि ज्यादा लोगों को नीलामी में भाग लेने का मौका मिल सके। उनके इन्हीं कदमों से कुछ लोग बौखला गए होंगे और अपने प्रयास शुरू किए होंगे। हो सकता है कि उठक-बैठक की सजा के तौर पर राजस्व परिषद से अटैच किया गया हो, लेकिन सरकार वेतन देती है, जहां चाहेगी वहां काम करेंगे, लेकिन गलत काम नहीं होने देंगे।
आईएएस ने बताया कि ज्वाइन करने के पहले ही दिन उन्होंने लेखपालों से कहा था कि सरकारी जगहों पर कब्जेदारों को नोटिस दिए जाने चाहिए और रिपोर्ट चाहिए। 15 दिन बाद कहीं भी ऐसी सरकारी जगह मिली, जहां अवैध कब्जा है और नोटिस नहीं दिया गया है तो लेखपाल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज होगी। इसके अलावा उनकी योजना प्रत्येक गांव के दो व्हाट्सएप ग्रुप बनवाने की थी। एक ग्रुप में लोग स्कूल में शिक्षक के न पहुंचने, ग्राम विकास अधिकारी के गांव न जाने आदि से संबंधित सूचनाएं डाल सकते थे। दूसरे ग्रुप में शिकायतों को ऑनलाइन रखा जाता। जवाब भी ऑनलाइन रहता। इससे लोगों को पता रहता कि शिकायत पर क्या कार्रवाई की गई है।
आईएएस अफसर के एसडीएम बनने के बाद पहले ही दिन दो गड़बड़ियां मिलीं। जिन पर उन्होंने एक्शन लिया। इसी के चलते उनको अटैच करना सजा के तौर पर भी देखा जा सकता है, लेकिन उनकी मंशा को लोग ठीक से समझ नहीं पाए। बता दें कि एसडीएम रिंकू सिंह राही ज्वॉइन करने के 36 घंटे बाद ही हटा दिए गए। अब सोशल मीडिया पर लोग एसडीएम के ट्रांसफर पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। यूजर्स लिख रहे हैं कि देश व प्रदेश में ब्यूरोकेसी के अंदर भ्रष्टाचार जड़े मजबूत किए हुए हैं। चंद अफसर ऐसे हैं जो अब भी भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाते हैं। सरकारें अब इन्हीं अफसरों पर कार्रवाई कर रही है, जो सरासर गलत हैं। लोगों ने सीएम योगी से मांग की है कि आईएएस रिंकू सिंह को फिर से एसडीएम की पोस्ट दी जाए। क्योंकि प्रदेश को इस वक्त रिंकू सिंह जैसे अफसरों कीह जरूरत है।
शाहजहांपुर के पुवायां के एसडीएम रिंकू सिंह राही तहसील पहुंचे। यहां पर उनकी नजर टॉयलेटों पर पड़ी। इस दौरान वकीलों के अलावा अन्य लोगों से कहा कि जब शौचालय गंदे पड़े हैं तो लघुशंका के लिए कोई व्यक्ति कहां जाएगा। इतना सुनते ही एसडीएम ने इसके लिए अपने को जिम्मेदार मानते हुए पूछ लिया कि तहसील में सबसे बड़ा अधिकारी कौन है। मौजूद लोगों ने जवाब में कहा एसडीएम। इतना कहते ही उन्होंने उठक बैठक लगानी शुरू कर दी। इससे वकीलों समेत अन्य उपस्थित लोग हैरान रह गए। करीब 40 सेकंड के इस घटनाक्रम के बाद तहसील बार अध्यक्ष सुभाष शुक्ला ने उनसे माइक लेकर खेद जताया। जब एसडीएम कान पकड़ कर उठक-बैठक करने लगे तब वकीलों ने उन्हें रोकने का प्रयास भी किया। लेकिन एसडीएम नहीं माने। पूरे प्रकरण का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
पुवायां में नवागत एसडीएम रिंकू सिंह राही का अब तक का प्रशासनिक कार्यकाल काफी चर्चा वाला रहा है। मुजफ्फरनगर में तैनाती के दौरान समाज कल्याण विभाग की ओर से पेंशन आदि में वितरित 40 करोड़ रुपये में बड़ी गड़बड़ी पकड़ी थी। हालांकि इस खुलासे के बाद उन पर जानलेवा हमला भी हुआ था। घोटाला उजागर करने पर उनको सात गोलियां मारी गईं थीं। इसके बाद भी वह डिगे नहीं और 2022 में दिव्यांग कोटे से यूपीएससी की परीक्षा पास आईएएस अफसर बने। मसूरी में प्रशिक्षण पूरा होने के बाद वह शाहजहांपुर नियुक्त किए गए, जहां उन्हें पुवायां का एसडीएम बनाया गया। तबादले के बाद आईएएस अफसर ने कहा कि हां दुख तो हुआ है। अच्छे काम की हमें सजा दी गई है। फिर भी जहां भी पोस्टिंग होगी, वहां इमानदारी से ही हम ड्यूटी करेंगे। सिस्टम के सामने हमें झुकना नहीं आता।