Mainpuri rape suicide case: मैनपुरी जिले के बेवर थाना क्षेत्र के अहमलपुर गांव में 5 अगस्त 2025 की रात एक दर्दनाक घटना सामने आई, जिसने पूरे इलाके को झकझोर दिया। 24 वर्षीय युवती गीता ने बलात्कार की घटना के बाद खुद को छत पर फांसी लगाकर जान दे दी। युवती उस समय अकेली थी जब आरोपी प्रशांत पांडे ने कथित तौर पर उसके साथ दुष्कर्म किया। ग्रामीणों ने आरोपी को पकड़ भी लिया था, लेकिन परिजन और जातीय समर्थन से वह Mainpuri पुलिस की मौजूदगी में छुड़ाया गया। इसी अपमान और आघात ने युवती को आत्महत्या के लिए मजबूर कर दिया।
अकेली लड़की और घातक घड़ी
घटना के दिन गीता घर पर अकेली थी। मां रिश्तेदारी में, बड़ा भाई पानीपत में नौकरी कर रहा था, जबकि छोटा भाई अपनी बहन को बिहार पुलिस भर्ती परीक्षा दिलाने गया था। रात 11:30 बजे पड़ोसी प्रशांत पांडे, छत के रास्ते घर में घुस आया। परिजनों का आरोप है कि उसने गीता के साथ जबरन दुष्कर्म किया। गीता की चीख-पुकार सुनकर पास में रहने वाले चचेरे भाई और अन्य ग्रामीण मौके पर पहुंचे और प्रशांत को रंगे हाथों पकड़ लिया।
गुस्साए ग्रामीणों ने प्रशांत को घर में बंद कर दिया, लेकिन कुछ देर बाद पुलिस की मौजूदगी में ही आरोपी को उसके परिजन और सजातीय लोग छुड़ा ले गए। यह दृश्य गीता के लिए और भी ज्यादा पीड़ादायक था। अपमान और भय से वह अंदर ही अंदर टूट गई।
आत्महत्या और पुलिस की भूमिका पर सवाल
जैसे ही घर कुछ खाली हुआ, गीता ने दरवाजे बंद किए और छत पर दुपट्टे से फांसी का फंदा बनाकर अपनी जान दे दी। पुलिस, फॉरेंसिक टीम और क्षेत्राधिकारी मौके पर पहुंचे। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। पुलिस की शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि मानसिक आघात और बलात्कार की घटना ने युवती को आत्महत्या के लिए प्रेरित किया।
परिजनों ने आरोप लगाया है कि अगर आरोपी को पुलिस कस्टडी में रखा गया होता, तो गीता को न्याय की उम्मीद रहती। लेकिन जब पुलिस की मौजूदगी में आरोपी को जबरन छुड़ाया गया, तो वह खुद को पूरी तरह असहाय महसूस करने लगी।
जांच और समाज में आक्रोश
फॉरेंसिक टीम, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और घटनास्थल के साक्ष्यों के आधार पर जांच की जा रही है। Mainpuri पुलिस यह भी पता लगा रही है कि आरोपी को छुड़ाने में कौन-कौन लोग शामिल थे। पूरे गांव में इस घटना को लेकर आक्रोश है। लोग पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठा रहे हैं और दोषियों को कड़ी सजा दिलाने की मांग कर रहे हैं।
कानून, न्याय और सामाजिक चेतना की चुनौती
यह घटना न केवल महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाती है, बल्कि Mainpuri पुलिस और सामाजिक सिस्टम की कमजोरी को भी उजागर करती है। गीता को न्याय दिलाने की मांग पूरे जिले में उठ रही है। प्रशासन पर दबाव है कि वह निष्पक्ष और तेज़ जांच करे ताकि दोषियों को सख्त सजा मिले और भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकी जा सकें।