No Spend Challenge A Smart Way to Save Money: हर महीने की कमाई में से थोड़ा-बहुत बचा पाना आज के समय में सबसे बड़ी चुनौती बन गया है। नो स्पेंड चैलेंज अपनाकर आप अपनी फिजूलखर्ची पर काबू पा सकते हैं और पैसों की अहमियत भी समझ सकते हैं।
हर महीने के अंत में क्यों खाली हो जाती है जेब?
आजकल अधिकतर लोग अपनी कमाई को बचाने की कोशिश तो करते हैं, लेकिन बिना जरूरत की चीजों पर खर्च करके हर महीने के आखिर में हाथ खाली रह जाते हैं। कभी ऑनलाइन शॉपिंग, कभी बाहर खाना, तो कभी अनजाने में हो जाने वाले छोटे खर्च ये सब मिलकर पूरे बजट को बिगाड़ देते हैं।
ऐसे में एक नया और आसान तरीका सामने आया है, जिसे कहा जाता है। “नो स्पेंड चैलेंज”। आइए जानें कि ये क्या है और इसे कैसे अपनाया जा सकता है।
नो स्पेंड चैलेंज क्या होता है?
नो स्पेंड चैलेंज यानी कुछ तय समय तक कोई भी फिजूल खर्च नहीं करना। इसमें आप सिर्फ ज़रूरी चीजों जैसे किराया, बिजली-पानी का बिल, राशन, दूध या दवाई पर ही खर्च करते हैं। बाकी खर्च जैसे बाहर खाना, घूमना-फिरना, ऑनलाइन शॉपिंग, कपड़े या मूवी इन सबसे दूरी बनाई जाती है। इस चैलेंज का मकसद है खर्चों पर कंट्रोल करना, बचत बढ़ाना और ये समझना कि हमें असल में क्या चाहिए और क्या नहीं।
इसके फायदे क्या हैं?
बचत होती है: जब आप गैर-जरूरी चीजों पर पैसे नहीं उड़ाते, तो महीने के अंत में अच्छा खासा पैसा बचा पाते हैं।
सोच में बदलाव: ये चैलेंज आपको सोचने पर मजबूर करता है।क्या जो चीज खरीदनी थी, वो वाकई ज़रूरी थी?
आदत में सुधार: धीरे-धीरे आपकी खर्च करने की आदत सुधरती है।
मानसिक शांति: जब आप पैसे का सोच-समझकर इस्तेमाल करते हैं, तो मन हल्का और संतुष्ट रहता है।
आत्मविश्वास बढ़ता है: जब आप खुद को कंट्रोल करते हैं, तो आपमें एक अलग तरह का आत्मविश्वास आता है।
कैसे शुरू करें नो स्पेंड चैलेंज?
समय तय करें: शुरुआत 7 या 15 दिन से करें। जब आदत बन जाए तो 30 दिन का टार्गेट रखें।
स्पेंडिंग लिस्ट बनाएं: तय करें कि किन चीजों पर खर्च करना है और किन पर नहीं।
बजट बनाएं: ज़रूरी खर्चों का बजट बनाएं और उसी के अनुसार चलें।
खर्च का रिकॉर्ड रखें: हर दिन का खर्च नोट करें ताकि ट्रैकिंग आसान हो।
लालच पर कंट्रोल रखें: अगर अचानक कुछ खरीदने या बाहर खाने का मन हो, तो खुद को समझाएं कि ये सिर्फ कुछ दिनों की बात है।
बचत का लक्ष्य तय करें: जो पैसा बचा रहे हैं, उसका क्या करना है। कहीं निवेश करेंगे या किसी ट्रिप पर खर्च करेंगे पहले से सोच लें।
नो स्पेंड चैलेंज न सिर्फ एक बचत की आदत है, बल्कि पैसों की कीमत को समझने का तरीका भी है। अगर आप खर्चों पर कंट्रोल करना चाहते हैं और फाइनेंशियल प्लानिंग में सुधार लाना चाहते हैं, तो इस चैलेंज को एक बार जरूर आजमाएं। छोटे कदम ही बड़े बदलाव लाते हैं।