International news: पिछले दस सालों में ट्रंप की कंपनी “ट्रंप ऑर्गनाइजेशन” ने भारत में कई नामी बिल्डरों के साथ साझेदारी करके करीब 175 करोड़ रुपये की कमाई की है। खास बात यह है कि इस कमाई के लिए ट्रंप को एक रुपये का भी निवेश नहीं करना पड़ा। ये सब मुमकिन हुआ उनके ब्रांड लाइसेंसिंग मॉडल की वजह से।
क्या है ट्रंप का ब्रांड लाइसेंसिंग मॉडल?
इस मॉडल में ट्रंप की कंपनी खुद कोई प्रोजेक्ट नहीं बनाती, ना ही पैसे लगाती है। बस, वो अपने नाम ‘ट्रंप’ को इस्तेमाल करने की इजाज़त देती है और बदले में मोटी फीस वसूलती है। यानी, नाम का इस्तेमाल करो, पैसा दो, बस यही है उनका फॉर्मूला।
भारत में ट्रंप टावर की बढ़ती मांग
भारतीय बिल्डर ‘ट्रंप टावर’ नाम से लक्ज़री प्रोजेक्ट लॉन्च कर रहे हैं, क्योंकि ग्राहक इस नाम पर भरोसा कर रहे हैं। गुरुग्राम, नोएडा, मुंबई, हैदराबाद, पुणे और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में ट्रंप टावर बनाए जा रहे हैं और इनकी तेजी से बिक्री भी हो रही है। करीब 80 लाख वर्ग फीट में फैली इन प्रॉपर्टीज़ का कुल मूल्य 15,000 करोड़ रुपये आंका जा रहा है।
किन बिल्डरों ने किया ट्रंप से गठजोड़?
भारत में ट्रंप ब्रांड को ट्रिबेका डेवलपर्स संभाल रही है, जो लोढ़ा ग्रुप, पंचशील रियल्टी और M3M ग्रुप जैसे बड़े बिल्डरों के साथ मिलकर काम कर रही है। पहला ट्रंप प्रोजेक्ट साल 2012 में शुरू हुआ था और ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद इस काम में और तेजी आई।
बिल्डर करें मेहनत, ट्रंप उठाएं मुनाफा
सभी प्रोजेक्ट्स का खर्चा, निर्माण और बिक्री की जिम्मेदारी भारतीय बिल्डरों की होती है। ट्रंप सिर्फ अपना नाम इस्तेमाल करने की अनुमति देते हैं। इस तरह, बिना किसी जोखिम और निवेश के, ट्रंप कंपनी करोड़ों का मुनाफा कमा रही है।
टैरिफ की मार से भारत को झटका
जहां एक तरफ ट्रंप भारत से बिना कुछ लगाए मुनाफा कमा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर भारत से अमेरिका को जाने वाले सामान पर 50% तक टैरिफ लगा दिया गया है। ट्रंप ने यह कदम भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने की वजह से उठाया है।
ट्रंप का कहना है कि “भारत को सबसे ज्यादा शुल्क देना होगा।” चीन और तुर्की जैसे देशों पर कम शुल्क लगाया गया है, जबकि भारत पर सबसे ज्यादा।
आप सांसद का ट्रंप को ओपन लेटर
आप पार्टी के राज्यसभा सांसद डॉ. अशोक मित्तल ने ट्रंप को ओपन लेटर लिखकर इस फैसले पर नाराजगी जताई। उन्होंने लिखा कि भारत और अमेरिका दो रणनीतिक साझेदार हैं, ऐसे में यह टैरिफ एकतरफा और गलत है। उन्होंने ट्रंप के उस बयान पर भी आपत्ति जताई, जिसमें भारत को “डेड इकोनॉमी” कहा गया था।