Gold Rate Today : रूस से कच्चे तेल की खरीद के चलते अमेरिका द्वारा भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने के बाद से भारतीय शेयर बाजार में गिरावट देखी जा रही है और निर्यात क्षेत्र में भारी अनिश्चितता का माहौल बन गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ कर दिया है कि जब तक यह टैरिफ विवाद नहीं सुलझता, तब तक वे भारत से किसी तरह की बातचीत के पक्ष में नहीं हैं।
इस वैश्विक राजनीतिक और आर्थिक तनाव के दौर में निवेशकों ने एक बार फिर सोने को सबसे सुरक्षित निवेश माध्यम मानते हुए इसकी ओर रुख किया है। इसका सीधा असर इसकी कीमतों पर पड़ा है। शुक्रवार, 8 अगस्त 2025 को शुरुआती ट्रेडिंग में 24 कैरेट सोना 1,02,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के आस-पास कारोबार करता दिखा।
आपके शहर में सोने का आज का रेट
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दिल्ली: 24 कैरेट – ₹1,02,710 | 22 कैरेट – ₹94,160 प्रति 10 ग्राम
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अहमदाबाद और पटना: 24 कैरेट – ₹1,02,610 | 22 कैरेट – ₹94,060 प्रति 10 ग्राम
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मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु: 24 कैरेट – ₹1,02,560 | 22 कैरेट – ₹94,010 प्रति 10 ग्राम
भारतीय रिज़र्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की अगस्त बैठक में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है और यह पूर्ववत 5.5% पर कायम है, जिससे कर्ज और निवेश संबंधी फैसलों में संतुलन बना रहेगा।
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आखिर कैसे तय होता है सोने का रेट ?
हर दिन सोने और चांदी की कीमतें कई वैश्विक और घरेलू फैक्टर्स पर निर्भर करती हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इन धातुओं की कीमतें डॉलर में तय होती हैं, इसलिए डॉलर-रुपया एक्सचेंज रेट में उतार-चढ़ाव का सीधा असर भारत में कीमतों पर पड़ता है। डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी, सोने की कीमतों को ऊंचा कर देती है। इसके अलावा, भारत दुनिया का सबसे बड़ा सोना आयात करने वाला देश है, इसलिए इंपोर्ट ड्यूटी, जीएसटी और स्थानीय टैक्स भी इसकी कीमतों को प्रभावित करते हैं।
सोना बना निवेशकों की पहली पसंद
आर्थिक मंदी, युद्ध, ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव और बाजार की अस्थिरता जैसी परिस्थितियां निवेशकों को पारंपरिक और सुरक्षित विकल्प की ओर ले जाती हैं — और यही वजह है कि सोने की मांग में इजाफा होता है। भारत में तो वैसे भी सोना केवल धातु नहीं, परंपरा और विश्वास का प्रतीक माना जाता है। शादी-ब्याह, त्योहारों और शुभ अवसरों पर इसकी मांग बनी रहती है। इसके अलावा, जब महंगाई बढ़ती है, तो सोने को एक मजबूत और स्थिर निवेश माना जाता है, जो लंबे समय में बेहतर रिटर्न देने की क्षमता रखता है।