लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। कौशांबी की चायल विधानसभा सीट की विधायक पूजा पाल को अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी से निष्काषित कर दिया। जिसके बाद पूजा पाल लगातार सूर्खियों में है। वह अब खुलकर सपा पर हमलावर हैं। ऐसे में चर्चा है कि पूजा पाल जल्द ही बीजेपी की सदस्यता लेंगी। बीजेपी उन्हें योगी सरकार में मंत्री भी बना सकती है। सूत्र बताते हैं कि जल्द ही पूजा पाल गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर सकती हैं। पूजा पाल की बीजेपी में एंट्री धमाकेदार होगी। जिसका रोडमैप बनकर तैयार हो रहा है।
पूजा पाल 2022 के विधानसभा चुनाव में चायल सीट से सपा के टिकट पर विधायक बनी थीं। उमेश पाल हत्याकांड के बाद पूजा का रुख बदलने लगा। वह बीजेपी के करीब होने लगीं। विधानसभा में पूजा पाल ने अतीक अहमद का जिक्र किया और सीएम योगी आदित्यनाथ का आभार जताया। जिसके चलते अखिलेश यादव ने पूजा पाल को पार्टी से निकाल दिया। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि पूजा पाल का बीजेपी में जाना तय है। उन्हें मंत्री पद भी दिया जा सकता है। सपा में रहते हुए वह मंत्री नहीं बन सकती थीं। अब रास्ता साफ हो गया।
दरअसल, पिछले साल राज्यसभा चुनाव में सपा के सात विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी। अप्रैल 25 में विधायक मनोज पांडेय, अभय सिंह और राकेश सिंह को पार्टी से बाहर किया गया लेकिन पूजा पाल पर पार्टी ने कोई कार्रवाई नहीं की थी। उस समय पार्टी ने कहा था कि पूजा को सुधार का मौका दिया गया। लेकिन पर्दे की पीछे की बात यह थी कि पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक (पीडीए) के फार्मूला पर राजनीति कर रहे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ऐसा कुछ नहीं करना चाहते थे कि पाल बिरादरी में कोई गलत संदेश चला जाए और बीजेपी उसको भुना ले।
पूजा पाल का रुख उमेश पाल हत्याकांड के बाद बदलने लगा। वह बीजेपी के करीब होने लगीं। लोकसभा चुनाव के दौरान भी उन्होंने बीजेपी का साथ दिया। ऐसे में पूजा पाल जल्द ही बीजेपी की सारथी बनेंगी। पूरे प्रकरण पर सपा प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल पाल का कहना है कि जो भी पार्टी विरोधी कार्य करेगा, उसे पार्टी से निष्कासित किया जाएगा। पूजा पाल पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त थीं, उन्हें सुधारने का अवसर जून माह में चेतावनी के साथ दिया गया था लेकिन कोई तब्दीली नहीं आई। इसलिए उन्हें बाहर का रास्ता दिखाना पड़ा है।
बता दें, पूजा पाल के पति राजू पाल बसपा के विधायक थे, जिनकी साल 2005 में शादी के चंद रोज बाद ही हत्या कर दी गई थी। इस हत्या का आरोप माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ पर लगा था। उस समय प्रयागराज में अतीक का खौफ इतना था कि लोग उसके खिलाफ बोलने से डरते थे, लेकिन पूजा पाल ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने अपने पति की लड़ाई को आगे बढ़ाने का फैसला किया। रपूजा पाल ने चुनाव लड़ा और शहर पश्चिम विधानसभा सीट से जीत हासिल की। वह दो बार बसपा से विधायक बनीं और फिर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गईं।
2022 में पूजा पाल सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और विधायक चुनी गई। इस दौरान वह अपने पति राजू पाल के हत्याकांड में शामिल आरोपियों को सजा दिलाए जानें की लड़ाई जारी रखी। राजू पाल की हत्याकांड में उमेश पाल भी अहम गवाह थे। मगर पिछले साल उमेश पाल की भी गोली-बमों से हमला कर हत्या कर दी गई थी। इस वारदात के कुछ महीने बाद ही हत्यारोपी अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वहीं, इस हत्याकांड में शामिल रहे अतीक के बेटे असद को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था।
पूजा पाल ने सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए कहा था कि उनकी सरकार ने महिलाओं पर होने वाले अत्याचार पर जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई है। यही वजह है कि अतीक अहमद जैसा माफिया आज मिट्टी में मिल गया है। पूजा पाल ने यह भी कहा कि वह अपनी पार्टी के खिलाफ नहीं हैं लेकिन सीएम योगी के एक फैसले ने उन्हें निजी तौर पर बहुत सुकून दिया है। इसलिए वह सीएम की खुलकर तारीफ करती हैं। पूजा पाल ने सपा पर जमकर निशाना साधा। मुलायम सिंह यादव का नाम लिया। अखिलेश यादव के खिलाफ भी बोलीं।
सपा पर निशाना साधते हुए पूजा पाल ने कहा शायद आप प्रयागराज की उन महिलाओं की बात नहीं सुन पाए जो मुझसे भी ज्यादा परेशान थीं। लेकिन मैं उनकी आवाज हूं। मुझे विधायक चुनकर विधानसभा भेजा गया है। मैं उन माताओं-बहनों की आवाज हूं जिन्होंने अपनों को खोया है। उन्होंने ही मुझे यहां भेजा है। प्रयागराज में अतीक अहमद के कारण परेशान सभी लोगों को सीएम ने न्याय दिलाया है, सिर्फ़ पूजा पाल को नहीं। मैं ये बात पहले दिन से कह रही हूं, जब मैं पार्टी में थी। पाल ने आगे कहा मैं आज भी अपने बयान पर कायम हूं.।
गौरतलब है कि पूजा पाल सिर्फ एक नेता नहीं बल्कि ’पाल बिरादरी’ की एक सशक्त प्रतिनिधि मानी जाती हैं। उन्होंने अपनी बिरादरी के अधिकार, सम्मान और राजनीतिक पहचान के लिए सड़क से लेकर विधानसभा तक आवाज बुलंद की है। शादी के महज कुछ दिन के बाद ही पूजा पाल की मांग का सिंदूर अतीक अहमद ने उजाड़ दिया था। पूजा पाल को धमकी दी गई। उन पर जानलेवा हमले के प्रयास भी हुए, लेकिन पूजा डरी नहीं। निडर होकर अतीक एंड बदमाश कंपनी से लड़ती रहीं। पूजा पाल की पाल समाज में अच्छी पकड़ बताई जाती है। पाल समाज के वोटर्स करीब दो दर्जन से अधिक सीटों पर हार-जीत में अहम रोल निभाते हैं।