Mankameshwar Math Janmashtami: शुक्रवार की रात श्री मनःकामेश्वर मठ में श्रद्धा, भक्ति और उल्लास का अद्भुत संगम देखने को मिला। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव की भव्यता ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। जैसे ही आधी रात को घड़ियाल बजी, पूरा मठ परिसर “नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की” के जयकारों से गूंज उठा और हर कोई कृष्ण जन्मोत्सव की इस अलौकिक घड़ी का साक्षी बना।
सांय 9 बजे से आरंभ हुए कार्यक्रम में 108 कलशों से श्री राजाधिराज श्रीनाथजी का दिव्य अभिषेक किया गया। इसमें रसों, फलों, जड़ी-बूटियों, सागर, सरोवर, दुग्ध, पंचामृत सहित अनेक औषधियों का प्रयोग किया गया, जिससे वातावरण सुगंधित और पवित्र हो उठा। अभिषेक का आयोजन श्रीमहंत योगेश पुरी और मठ प्रशासक हरिहर पुरी के सानिध्य में वैदिक मंत्रोच्चार और पूरे विधि-विधान के साथ सम्पन्न हुआ। शंख और घंटियों की गूंज ने मठ परिसर को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।
रात्रि 12 बजे बाल स्वरूप में लंगोट धारण कर Mankameshwar Math श्रीनाथजी बाबा ने भक्तों को दर्शन दिए। इस अद्भुत क्षण का साक्षी बनने के लिए सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद रहे। मठ परिसर को आकर्षक लाइटों, पुष्पों और श्रीकृष्ण लीलाओं पर आधारित झांकियों से सजाया गया था। भक्तों ने झांकियों को देखकर भावविभोर होकर जयकारे लगाए।
भजन-कीर्तन मंडलियों द्वारा प्रस्तुत “नंद के आनंद भयो” और “जय कन्हैया लाल की” जैसे भजनों ने पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया। देर रात तक प्रसाद वितरण चलता रहा और भक्त कृष्ण जन्मोत्सव की इस अलौकिक छटा में डूबे रहे।
👉 यह Mankameshwar Math उत्सव न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक बना बल्कि भक्तों के लिए भक्ति और अध्यात्म की अमिट स्मृति भी छोड़ गया।