Online Gaming Regulation Bill Passed in Lok Sabha: लोकसभा ने ऑनलाइन गेमिंग के बढ़ते खतरे को देखते हुए “प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025” को मंजूरी दे दी है। इस बिल का मकसद रियल मनी गेमिंग पर रोक लगाकर ई-स्पोर्ट्स और सुरक्षित गेमिंग को बढ़ावा देना है।
45 करोड़ लोग प्रभावित
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, हर साल करीब 45 करोड़ लोग ऑनलाइन पैसों वाले गेम्स में फंस जाते हैं और लगभग 20 हजार करोड़ रुपए गवा देते हैं। यह लत सिर्फ पैसों का नुकसान ही नहीं करती बल्कि परिवार और समाज के लिए भी बड़ी परेशानी बन गई है।
सरकार ने क्यों लाया बिल
सरकार का मानना है कि ऑनलाइन मनी गेम्स लोगों को जुआ खेलने की तरह खींचते हैं। ऐसे में, राजस्व कमाने के बजाय लोगों के हित को ध्यान में रखकर यह बिल लाया गया। बिल का मकसद सट्टेबाजी और रियल मनी गेम्स पर रोक लगाना है, जबकि ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेम्स को प्रोत्साहन देना है।
सख्त सजा और जुर्माना
इस कानून के तहत अगर कोई कंपनी प्रतिबंधित ऑनलाइन मनी गेम्स चलाती है, तो उस पर 1 करोड़ रुपए का जुर्माना, तीन साल तक की जेल या दोनों की सजा हो सकती है।
वहीं, ऐसे गेम्स का विज्ञापन करने वालों को दो साल तक की जेल या 50 लाख रुपए तक का जुर्माना या दोनों का सामना करना पड़ेगा।
लंबे समय से जारी थी कोशिश
पिछले साढ़े तीन सालों से सरकार इस दिशा में लगातार काम कर रही थी। पहले जीएसटी के जरिए भी रियल मनी गेम्स को हतोत्साहित करने की कोशिश की गई, लेकिन कंपनियां और खिलाड़ी इसे नजरअंदाज कर रहे थे। बढ़ती शिकायतों के बाद सरकार ने आखिरकार इस बिल को कड़े प्रावधानों के साथ संसद में पेश किया और लोकसभा ने इसे पास कर दिया।
समाज के लिए राहत
यह कदम उन परिवारों के लिए राहत की खबर है, जो अपने बच्चों और प्रियजनों को ऑनलाइन गेमिंग की लत से बचाने के लिए चिंतित थे। सरकार को उम्मीद है कि इस कानून से रियल मनी गेमिंग पर लगाम लगेगी और लोग सुरक्षित गेमिंग की ओर बढ़ेंगे।
ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 उन करोड़ों लोगों के लिए सुरक्षा कवच की तरह है जो लत और लालच के कारण हर साल अपनी मेहनत की कमाई गंवा रहे थे। यह कदम समाज और युवा पीढ़ी के लिए एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है।