Banda POCSO fast justice case: चिल्ला थाना क्षेत्र के एक गाँव में, इसी साल 3 जून की शाम एक भयावह घटना घटी। एक महज तीन साल की मासूम बच्ची के साथ उसके एक पड़ोसी ने दुष्कर्म जैसा घिनौना अपराध किया। इस हादसे के बाद नन्ही बच्ची की मौत हो गई। इस मामले में आरोपी पड़ोसी सुनील निषाद को सोमवार शाम को एक विशेष अदालत (POCSO कोर्ट) ने फांसी की सजा सुनाई है।जो एक ऐतिहासिक निर्णय माना जा रहा है।
कोर्ट ने आरोपी सुनील निषाद को उम्रकैद की नहीं, बल्कि मौत की सजा दी है। दुष्कर्म और हत्या के मामले में दोषी ठहराए गए आरोपी पर कोर्ट ने 65 हज़ार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
कोर्ट की कार्रवाई तेज़ रफ्तार
यह न्यायिक प्रक्रिया महज 58 दिनों के अंदर पूरी हुई है, जो कि बेहद तेज़ मानी जाती है। इस छोटी सी अवधि में कोर्ट ने सभी प्रक्रियाएं पूरी कीं। मामले में कुल दस गवाह पेश किए गए। दोनों ही पक्षों (यानी अभियोजन और बचाव पक्ष) के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद ही कोर्ट ने यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया।
सजा के बाद क्या हुआ?
फैसला सुनाए जाने के बाद आरोपी सुनील निषाद को तुरंत पुलिस की हिरासत में कोर्ट से ले जाया गया। अब तक उसे जेल भेज दिया गया होगा।
प्रशासन ने भी दिखाई सख्ती
इस मामले में न्यायिक कार्रवाई शुरू होने से पहले ही, प्रशासन ने भी सख्त कदम उठाया था। पिछले मंगलवार को ही प्रशासन की टीम ने आरोपी के गाँव में बने घर को बुलडोजर चलाकर पूरी तरह से गिरा दिया था। हालाँकि,उस घर में रखे सामान (गृहस्थी का सामान) को सुरक्षित निकालकर पड़ोसियों को सौंप दिया गया था, ताकि उसके परिवार के लोग उसे बाद में ले सकें।