Forced Conversion Case: फेज तीन थाना क्षेत्र के एक गांव में रहने वाली शादीशुदा महिला का जबरन मतांतरण कर निकाह कराने का मामला सामने आया है। महिला के परिजनों ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका डाली। इसके बाद पुलिस ने महिला को चेन्नई से बरामद कर सोमवार को हाईकोर्ट में पेश किया। पुलिस ने मामले में तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है, जबकि दो आरोपितों की तलाश जारी है। उपनिरीक्षक योगेंद्र सिंह ने बताया कि मामले में धोखाधड़ी और धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपितों में काजी मोहम्मद अजीमुद्दीन समेत दो की तलाश की जा रही है। महिला के परिजन पहले भी 2022 में गुमशुदगी और 2024 में बंदी प्रत्यक्षीकरण की याचिका दायर कर चुके थे।
क्या है मामला
महिला की शादी 2018 में कानपुर देहात के एक गांव में हुई थी। 2019 में उसका एक बेटा भी हुआ। पति से मनमुटाव के चलते वह 2021 में मायके आकर रहने लगी और नोएडा सेक्टर 63 की एक फैक्ट्री में सिलाई का काम करने लगी। यहां उसकी जान-पहचान गाजियाबाद के बहलोलपुर निवासी राजा मियां उर्फ एहसान से हुई, जो बाद में घनिष्ठता में बदल गई।
बिना तलाक हुई शादी
रक्षाबंधन के बाद महिला अचानक लापता हो गई। परिजनों ने राजा पर बहला-फुसलाकर ले जाने का आरोप लगाया। 22 अगस्त को हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। पुलिस की छानबीन के बाद 5 सितंबर को चेन्नई से महिला को राजा मियां के साथ बरामद किया गया। जांच में पाया गया कि महिला का जबरन निकाह कर दिया गया था। निकाह से जुड़े दस्तावेज भी पुलिस को मिले। राजा की मां, पिता और भाई ने महिला को उसके पिता और भाई के रूप में पेश किया, जबकि उसका अपने पति से तलाक नहीं हुआ था।
पहले भी हो चुकी है गायब
पुलिस ने बताया कि पहले भी महिला लापता हो चुकी है। 2022 में उसकी मां ने गुमशुदगी दर्ज कराई थी। उस समय महिला को पुलिस ने उसके ससुराल छोड़ दिया था। बाद में वह फिर मायके आकर रहने लगी। जुलाई 2024 में फिर से लापता होने पर परिजनों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी।
डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्तिमोहन अवस्थी ने कहा कि महिला को हाईकोर्ट में पेश कर दिया गया है। पुलिस फरार आरोपितों की तलाश कर रही है। मामले ने पूरे इलाके में हलचल मचा दी है और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना समाज में जागरूकता बढ़ाने और अपराधियों के खिलाफ सख्ती दिखाने का उदाहरण बन गई है।