Kabul Kid Reached Delhi: हवाई जहाज से जुड़े हादसे अक्सर सुनने को मिलते हैं। हाल ही में एक ऐसा चौंकाने वाला मामला सामने आया, जिसमें अफगानिस्तान का एक बच्चा प्लेन के टायर के पास बने स्पेस में छिपकर काबुल से दिल्ली पहुंच गया। यह घटना लोगों को हैरान कर देने वाली थी, क्योंकि वह जगह बेहद खतरनाक और जीवन के लिए लगभग असंभव मानी जाती है।
प्लेन के टायर के पास क्यों होता है स्पेस?
जब विमान रनवे पर दौड़ता है तो उसके भारी-भरकम टायर उस पर टिके होते हैं। जैसे ही प्लेन उड़ान भरता है, ये टायर ऊपर की ओर खींच लिए जाते हैं और विमान के भीतर बने हिस्से में एडजस्ट हो जाते हैं। इस जगह को लैंडिंग गियर कहा जाता है। लैंडिंग गियर का मुख्य काम टेक-ऑफ और लैंडिंग के दौरान टायरों को संभालना होता है।
कितनी खतरनाक है यह जगह?
लैंडिंग गियर का स्पेस केवल टायरों के फिट होने लायक बनाया जाता है। इसमें न तो इंसान के बैठने की जगह होती है और न ही सांस लेने के लिए हवा का इंतजाम। प्लेन के टेक-ऑफ और उड़ान के दौरान यहां बेहद कम तापमान और प्रेशर बनता है। साथ ही टायर हाइड्रोलिक सिस्टम से खींचे और छोड़े जाते हैं, जिससे वहां किसी का मौजूद होना जानलेवा हो सकता है।
बच्चा कैसे पहुंचा इस जगह तक?
जानकारी के मुताबिक, प्लेन के उड़ान भरने से पहले बच्चा इसी लैंडिंग गियर के स्पेस में जाकर छिप गया। यह किसी करिश्मे से कम नहीं कि वह सफर के दौरान बच गया, क्योंकि इस जगह पर इंसान का जिंदा रहना लगभग नामुमकिन होता है।
दिल्ली एयरपोर्ट पर मचा हड़कंप
जब विमान दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरा तो कर्मचारियों की नजर बच्चे पर पड़ी। पूछताछ में उसने बताया कि वह अफगानिस्तान के कुंदूज प्रांत का रहने वाला है। पूछताछ के बाद उसे वापस अफगानिस्तान भेज दिया गया।
यह घटना दिखाती है कि लैंडिंग गियर जैसी जगहें कितनी खतरनाक होती हैं। जहां केवल टायरों के लिए स्पेस छोड़ा जाता है, वहां इंसान का बैठना और जिंदा बच जाना किसी चमत्कार से कम नहीं है।