MEMU Passenger Crossed Red Signal: दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग पर उस वक्त अफरातफरी मच गई जब इटावा की ओर जा रही एक मेमू पैसेंजर ट्रेन मैथा स्टेशन पर रेड सिग्नल पार कर गई। ट्रेन के चार डिब्बे और इंजन प्लेटफार्म से आगे निकल चुके थे। चालक ने गलती का अहसास होते ही ट्रेन रोक दी। इस घटना से यात्रियों में दहशत फैल गई।
कैसे हुई घटना?
शाम लगभग चार बजे, ट्रेन संख्या 64587 टूंडला की ओर जा रही थी। मैथा स्टेशन पर ठहराव के दौरान रेड सिग्नल होने के बावजूद ट्रेन आगे बढ़ गई। स्टेशन से वॉकी-टॉकी के जरिए तुरंत चालक और गार्ड को सूचित किया गया। इसके बाद ट्रेन को रोका गया।
जांच में लगे दो घंटे
घटना के बाद ट्रेन को करीब दो घंटे तक मुख्य लाइन पर रोके रखा गया। इस दौरान पीछे से आने वाली ट्रेनों को स्टेशन की लूप लाइन से निकाला गया ताकि रेल यातायात प्रभावित न हो। तकनीकी टीम और अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जांच की। जांच पूरी होने के बाद शाम करीब छह बजे ट्रेन को आगे रवाना किया गया।
अधिकारियों की चुप्पी
मैथा स्टेशन के कर्मचारी और स्टेशन मास्टर ने इस घटना पर कोई बयान देने से परहेज किया। वहीं, आरपीएफ चौकी प्रभारी राहुल यादव ने कहा कि उन्हें ट्रेन रुकने के कारण की जानकारी नहीं है। प्रयागराज मंडल के जनसंपर्क अधिकारी अमित सिंह ने बताया कि जांच टीम की रिपोर्ट आने के बाद ही सही कारण स्पष्ट होगा।
पहले भी हो चुकी है ऐसी गलती
यह पहली बार नहीं है जब दिल्ली-हावड़ा मार्ग पर ऐसा हुआ हो। साल 2024 में भी इटावा के भरथना स्टेशन से करीब पांच किलोमीटर पहले शिवगंगा एक्सप्रेस रेड सिग्नल पार कर गई थी। उस समय ट्रेन की रफ्तार करीब 80 किलोमीटर प्रति घंटा थी और वह सिग्नल से एक किलोमीटर आगे जाकर रुकी थी।
यात्रियों में चिंता
इस तरह की घटनाओं से यात्री असुरक्षित महसूस करते हैं। हालांकि इस बार बड़ा हादसा टल गया, लेकिन घटना ने रेलवे की तकनीकी और संचालन व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। यात्रियों का कहना है कि रेलवे को सुरक्षा पर और ज्यादा ध्यान देना चाहिए।