Rajasthan Ravana :132वां राष्ट्रीय दशहरा मेला 2025 एक ऐतिहासिक आयोजन बनने को तैयार है। इस बार कोटा में रावण के विशाल पुतले ने लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया है। बीते चार महीनों से इस पुतले के निर्माण में लगे कारीगरों ने खुद इसे खड़ा करने का कार्य भी किया। पुतले को खड़ा करने से पहले, मेला समिति अध्यक्ष विवेक राजवंशी और मेला अधिकारी अशोक कुमार त्यागी ने दहन स्थल पर बने सीमेंटेड फाउंडेशन पर विधिवत भूमि पूजन किया। वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच देवताओं का आह्वान करते हुए धार्मिक अनुष्ठान संपन्न हुआ।
दहन स्थल पर नगर निगम की इंजीनियरिंग टीम अधीक्षण अभियंता महेश गोयल के नेतृत्व में लगातार मॉनिटरिंग करती रही। दोपहर लगभग 3 बजे पुतले को क्रेन के सहारे उठाकर फाउंडेशन स्थल की ओर ले जाया गया, जिसके बाद शाम 6 बजे इसे स्थापित करने का काम शुरू हुआ और रात 8 बजे तक इसे पूरी तरह खड़ा कर दिया गया। यह 215 फीट ऊंचा विशाल रावण पूरे मेला परिसर में गर्व से खड़ा नजर आ रहा है, जिसे दूर से ही देखा जा सकता है।
150 फीट तक सुरक्षा का पुख्ता घेरा
रावण को देखने के लिए राह चलते लोग भी रुकने लगे, कई दर्शकों ने रावण के साथ सेल्फी लेना शुरू कर दिया। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुतले के चारों ओर करीब 150 फीट के दायरे में कड़े प्रबंध किए गए थे। इस क्षेत्र में सिर्फ मजदूरों और निगम अधिकारियों को ही प्रवेश की अनुमति थी। इस पूरी प्रक्रिया में अधीक्षण अभियंता एक्यू कुरेशी, भुवनेश नावरिया, संजय विजय, तौसीफ खान, लक्ष्मीनारायण बडारिया, विनोद मेहरा, राजेश यादव, नवीन नायक, और अंकित मीणा सहित इंजीनियरों की टीम लगातार दिशा-निर्देश देती रही।
स्थानांतरित हुई दहन की दिशा
इस वर्ष रावण के आकार को देखते हुए दहन स्थल को पुराने विजयश्री रंगमंच से हटाकर मैदान की पूर्व दिशा में स्थानांतरित किया गया। यहां मिट्टी की जगह 26×24 फीट का मजबूत आरसीसी फाउंडेशन तैयार किया गया। इसमें आठ स्टील की जैक रोड्स लगाई गईं और लोहे की रस्सियों से रावण को मजबूती दी गई। पेडस्टल पर फिश प्लेट्स और नट-बोल्ट की मदद से पुतले को स्थिर किया गया। इसे खड़ा करने में 220 टन और 100 टन की दो हाइड्रोलिक क्रेनों का इस्तेमाल हुआ।
बेहद आकर्षक है रावण का रूप
इस बार का रावण पहले की तुलना में ज्यादा लंबा और दुबला दिखाई देता है। उसके चेहरे पर बड़ी-बड़ी मूंछें और गम्भीरता का भाव उसे और भी रौबदार बनाते हैं। पुतले का चेहरा फाइबर ग्लास से बना है, जिसकी लंबाई 25 फीट और वज़न लगभग तीन क्विंटल है। इसके 60 फीट लंबे मुकुट को रंग-बिरंगी एलईडी लाइट्स से सजाया गया है, जो रात में दमकती हैं। ढाल में भी चमकदार एलईडी लगाई गई है।
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रावण को लाल, हरे और नीले रंग के भव्य वस्त्रों से सजाया गया है, जिससे उसका स्वरूप अत्यंत आकर्षक लग रहा है। पारंपरिक दशानन रूप में बनाए गए इस पुतले की तलवार 50 फीट लंबी है, और उसने 40 फीट की विशाल जूतियां पहनी हैं। इस पुतले में 25 रिमोट कंट्रोल पॉइंट्स फिट किए गए हैं, जो इसे तकनीकी रूप से और भी खास बनाते हैं। इस भव्य आयोजन ने एक बार फिर कोटा के दशहरा मेले को राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित बना दिया है, और इतिहास में दर्ज होने को पूरी तरह तैयार है।