Kanpur News:समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक इरफान सोलंकी मंगलवार शाम करीब छह बजे जेल से बाहर आ गए। इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद उन्हें महाराजगंज जेल से रिहा किया गया। कई मुकदमों में पहले ही जमानत मिल चुकी थी, लेकिन गैंगस्टर एक्ट के चलते वे अब तक जेल में थे।
जेल से बाहर आते ही स्वागत
जेल से बाहर निकलते ही बड़ी संख्या में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता मौजूद थे। उन्होंने जोरदार नारेबाजी की और फूल-मालाओं से इरफान सोलंकी का स्वागत किया। सोलंकी ने हाथ हिलाकर समर्थकों का अभिवादन किया और इसे “न्याय की जीत” बताया।
परिवार से हुई भावुक मुलाकात
रिहाई के बाद इरफान सोलंकी सबसे पहले अपने परिवार से मिले। लंबे समय बाद नेता को सामने देखकर बच्चे और परिजन गले लगकर भावुक हो उठे। परिवार की खुशी देखते ही बन रही थी।
कानपुर तक चलता रहा जश्न
जेल से निकलने के बाद इरफान सोलंकी का काफिला कानपुर के लिए रवाना हुआ। रास्ते में जगह-जगह समाजवादी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता उनका स्वागत करते नजर आए। कानपुर पहुंचने तक माहौल जश्न जैसा बना रहा।
सपा खेमे में चर्चाएं तेज
आजम खान के जेल से बाहर आने के बाद अब इरफान सोलंकी की रिहाई ने समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह बढ़ा दिया है। पार्टी नेताओं का कहना है कि एक ही महीने में दो बड़े नेताओं को राहत मिली है, जो सपा के लिए सकारात्मक संकेत है।
आज़म खान और इरफान सोलंकी की रिहाई: डील या न्याय?
समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आज़म खान और विधायक इरफान सोलंकी की रिहाई को लेकर राजनीति गरमा गई है। कई लोग इसे राजनीतिक सौदेबाज़ी (डील) से जोड़कर देख रहे हैं, जबकि कुछ इसे न्यायिक प्रक्रिया का नतीजा मान रहे हैं। विपक्ष का आरोप है कि सत्ता के दबाव और राजनीतिक समीकरणों के चलते फैसले प्रभावित हुए। वहीं समर्थकों का कहना है कि लंबे समय से झेल रहे मुकदमों में अब सच्चाई सामने आई है और कानून ने अपना काम किया है। यह मामला सिर्फ कानूनी नहीं बल्कि राजनीतिक दृष्टिकोण से भी बेहद अहम बन गया है।