EDITION
🇮🇳 IN ▼
1
टोल टैक्स से होने वाली आमदनी का उपयोग देश के हाईवे, पुलों और सड़कों के रखरखाव और विस्तार के लिए किया जाता है। अब तक टोल वसूली नकद, कार्ड और FASTag के ज़रिए होती थी, लेकिन डिजिटल इंडिया अभियान के तहत सरकार अब पेमेंट प्रक्रिया को अधिक स्मार्ट और तेज़ बनाना चाहती है।
नए निर्देशों के अनुसार, नॉन-FASTag वाहनों से भुगतान के तरीके के आधार पर अलग-अलग शुल्क वसूला जाएगा:
वर्तमान में कैश और डिजिटल दोनों पर दोगुना टैक्स लिया जाता है, लेकिन नए नियम से यूपीआई पेमेंट करने वालों को राहत मिलेगी।
यह भी पढ़ें : गोवा में AAP ने कांग्रेस से तोड़े रिश्ते, गठबंधन से इनकार कर…
सरकार का उद्देश्य है कि देश भर में FASTag और डिजिटल पेमेंट को प्राथमिकता दी जाए ताकि टोल प्लाज़ा पर जाम कम हो, लेनदेन पारदर्शी हो और सिस्टम और अधिक कुशल बने। इस नए बदलाव से यह भी उम्मीद है कि कैश हैंडलिंग कम होगी, जिससे टोल संचालन में मानवीय त्रुटियों और भ्रष्टाचार की संभावनाएं घटेंगी।