Neha Singh Rathore Criticizes CJI Shoe Incident: लोक गायिका नेहा सिंह राठौर ने हाल ही में ट्विटर पर राकेश किशोर द्वारा सीजेआई बीआर गवई पर जूता फेंकने की घटना पर तीखा कटाक्ष किया। इंस्टाग्राम पोस्ट में बताया गया कि राकेश किशोर ने अपने बयान में कहा कि,
“90 के दशक में मेरी पत्नी मुरादाबाद में प्रोफेसर थीं। उस समय इलाके में मुस्लिम आबादी बहुत ज्यादा थी। शाम के बाद महिलाएं घर से बाहर नहीं जा सकती थीं। माहौल ऐसा था कि अगर किसी मुस्लिम व्यक्ति की बकरी से मेरी स्कूटर छू भी जाती थी, तो मुझे पीटा जाता और मेरी पत्नी को उठाकर ले जाया जाता। वहां यह अक्सर होता था।”
इस पर नेहा सिंह राठौर ने ट्वीट किया,
“जब उसकी पत्नी को उठाकर ले जाया जाता था तब उसने जूता नहीं फेंका, लेकिन CJI पर जूता फेंक दिया। बिल्कुल वैसे ही जैसे नाथूराम गोडसे ने कभी अंग्रेजों पर गोली नहीं चलाई, लेकिन एक बूढ़े महात्मा को तीन गोलियां मार दीं। ये सब कायर और धूर्त हैं।”
दलित मुद्दों पर भी सरकार को घेरा
नेहा सिंह राठौर ने इस घटना के अलावा दलित समाज से जुड़े मुद्दों पर भी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा,
“हरियाणा में IPS की आत्महत्या, दिल्ली में CJI पर जूता फेंकना और यूपी की रायबरेली में दलित व्यक्ति की मॉबलिंचिंग। केंद्र समेत इन जगहों पर भाजपा की सरकार है और सारे पीड़ित दलित समाज से जुड़े हैं। क्या समझ रहे हैं या हर बात बोलकर बतानी होगी? देख रहे हो बिहार वालों?”
नेहा सिंह राठौर की यह टिप्पणी सामाजिक और राजनीतिक मामलों पर उनकी स्पष्ट और बेबाक राय को दर्शाती है। वह लगातार उन घटनाओं पर आवाज़ उठाती रही हैं, जो समाज में अन्याय और असमानता को उजागर करती हैं।
जूता फेंकने की घटना पर पूर्व प्रतिक्रिया
6 अक्टूबर को जब राकेश किशोर ने सीजेआई पर जूता फेंका, तब भी नेहा सिंह राठौर ने ट्वीट किया था। उन्होंने दो तस्वीरें साझा कीं।
पहली में लिखा,
“सीजेआई बीआर गवई पर फेंका गया जूता। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान हुई घटना।”
दूसरी तस्वीर में लिखा था,
“धर्म नहीं, जाति देखी।”
साथ ही उन्होंने कैप्शन में लिखा,
“मोदी कल का भारत।”
इस ट्वीट से नेहा सिंह राठौर ने यह संदेश दिया कि केवल जातिगत भेदभाव और सामाजिक असमानता ही नहीं, बल्कि वर्तमान राजनीतिक माहौल में भी कुछ घटनाओं पर सवाल उठाना जरूरी है।