The Right Way to Change air fares:सरकार ने यात्रियों को राहत देने के लिए एक नई स्कीम शुरू की है। इससे अब टिकट बुकिंग की तारीख पर किराया तय नहीं होगा। हर रूट पर एक ही फिक्स्ड रेट मिलेगा।
नई स्कीम से खत्म होगी टिकट बुकिंग की चिंता
सरकार ने सोमवार को एक खास स्कीम लॉन्च की है जो हवाई किराए का पूरा सिस्टम बदल सकती है। सिविल एविएशन मंत्री राममोहन नायडू किंजरापु ने अलायंस एयर की ‘फेयर से फुर्सत’ फिक्स्ड एयरफेयर स्कीम की शुरुआत की। इस योजना के तहत यात्रियों को टिकट बुकिंग की तारीख या यात्रा के दिन की परवाह नहीं करनी पड़ेगी क्योंकि किराया एकदम तय रहेगा। यह स्कीम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस विजन का हिस्सा है, जिसमें हवाई यात्रा को आम आदमी तक पहुंचाना और सस्ती बनाना शामिल है।
कब और कहां लागू होगी स्कीम
‘फेयर से फुर्सत’ योजना को 13 अक्टूबर 2025 से 31 दिसंबर 2025 तक चुनिंदा रूट्स पर पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया जाएगा। इसका उद्देश्य यह जानना है कि यह स्कीम यात्रियों को कितनी पसंद आती है और कितनी कारगर है। लॉन्चिंग इवेंट में नागर विमानन सचिव समीर कुमार सिन्हा, अलायंस एयर के चेयरमैन अमित कुमार और सीईओ राजर्षि सेन भी मौजूद रहे।
यात्रियों को क्या होगा फायदा
इस स्कीम के तहत चाहे आप टिकट हफ्तों पहले लें या यात्रा के दिन ही क्यों न बुक करें किराया वही रहेगा। मंत्री ने बताया कि इससे यात्रियों को मानसिक शांति मिलेगी क्योंकि उन्हें टिकट के दाम बढ़ने की टेंशन नहीं होगी। साथ ही, वे अपने बजट का अंदाजा पहले से ही लगा सकेंगे।
‘उड़ान’ स्कीम से प्रेरित पहल
राममोहन नायडू ने कहा कि यह योजना ‘उड़ान’ स्कीम के सिद्धांतों पर आधारित है, जिसका मकसद हवाई यात्रा को सुलभ और किफायती बनाना है। उन्होंने बताया कि मंत्रालय ने हवाई अड्डों पर 10 रुपये में चाय, 20 रुपये में कॉफी और स्नैक्स की सुविधा भी शुरू की है ताकि यात्रियों का अनुभव और सुविधाजनक बने। अब यह नई स्कीम हवाई किराए को लेकर लोगों की चिंता दूर करेगी।
छोटे शहरों को मिलेगा बड़ा फायदा
अलायंस एयर को ‘उड़ान’ योजना की रीढ़ बताया गया है क्योंकि यह टियर-2 और टियर-3 शहरों को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ती है। अब ‘वन रूट, वन फेयर’ के विचार के साथ यह कदम छोटे शहरों के यात्रियों को भी हवाई सफर के लिए प्रोत्साहित करेगा। भारत में अब तक टिकट की कीमतें मांग और मौसम के अनुसार बदलती थीं, लेकिन इस पहल से अब किराए में स्थिरता और पारदर्शिता आएगी।