नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। वर्दी के अंदर भी इंसान होता है। उसका भी दिल धड़कता है। वह भी अपने परिवार के साथ ख्ुशियां मनाना चाहता है। वह भी पत्नी-बच्चों के साथ दीपावली मनाने के सपने बुनता है। वह अपराधियों का एनकाउंटर नहीं करना चाहता। वह भी चाहता है कि क्रिमिनल जरायम की दुनिया से तौबा करके अच्छा इंसान बने। देश-प्रदेश के विकास में रोल निभाए। लेकिन जब अपराधी अपराध से तौबा नहीं करता। जब नेताओं का दबाव आता है। सरकार का प्रेशर पड़ता है तब वर्दीधारी की गन का प्रयोग करते हैं। ये शब्द हैं मुम्बई के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पुलिस अफसर प्रदीप शर्मा के। जिनकी एक फिल्म अबतक 112 आ रही है। इसी फिल्म को लेकर प्रदीप शर्मा ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू के दौरान कई खुलासे किए हैं।
हां हम बात कर रहे हैं मुम्बई के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा की। जांबाज सुपरकॉप पर वैसे कई फिल्में बन चुकी हैं, जिन्हें जनता ने सराहा है। अबतक 56 के बाद अब प्रदीप शर्मा पर एक और फिल्म आ रही है। इस फिल्म का नाम अबतक 112 हैं। प्रदीप शर्मा ने कैसे 112 अपराधियों को यमलोक भेजा। प्रदीप शर्मा की तरह अन्य एनकाउंटर स्पेशलिस्ट अपनी रियललाइफ की जिंदगी कैसे जीते हैं, उसका इस फिल्म में खुलासा किया गया है। टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू के दौरान प्रदीप शर्मा ने दाऊद इब्राहिम के बारे में कई खुलासे किए। दाउद के छोटे भाई इकबाल कासकर की गिरफ्तारी का किस्सा भी बताया। प्रदीप शर्मा ने राज ठाकरे से जुड़ा एक किस्सा भी सुनाया। नारायण राणे और राज ठाकरे की हत्या को लेकर भी उन्होंने खुलासा किया है।
एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा ने टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू के दौरान बताया कि मैं और मेरे मित्र अविनाश धर्माधिकारी कांदिवली क्राइम ब्रांच में कार्यरत थे। हम लोग कुछ नंबर्स पर काम कर रहे थे। अचानक राज ठाकरे का नाम आने लगा उसमे और बातचीत होने लगी। तब राज ठाकरे शायद कोंकण का दौरा करने वाले थे। हम लोगों ने फिर ये बात हमारी ज्वाइंट सीपी मीरा को बताई। फिर उन्होंने सीपी एएन रॉय को ये बात बताई। इसके बाद राज ठाकरे को ये बात बताई गई। प्रदीप शर्मा ने आगे कहा कि पूरी घटना के बारे में अभी ज्यादा नहीं बता सकता। हां लेकिन राज ठाकरे पर बड़ा खतरा था। उनकी हत्या की सुपारी दी गई थी। सुपारी किसने दी थी, ये भी नहीं बता सकता।
एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा ने आगे कहा कि राज ठाकरे को भी नहीं बताया गया। उसके बाद उन्होंने अपना दौरा कैंसिल कर दिया था। ऐसा ही नारायण राणे के बारे में हुआ था। दाऊद गैंग से उनको हमेशा थ्रेट्स रहे तो उनका भी सिधुगर्ग वगैरह कोई दौरा था, तो उनको भी हम लोगों ने कहा था कि अगर दौरे को टाल सकते हैं तो टाल दीजिए। प्रदीप शर्मा ने बताया कि उस वक्त दाउद के लोग मुम्बई के अलावा महाराष्ट्र में थे। वह फिल्मकार, कारोबारियों को अक्सर धमकी देते थे। उनके निशाने पर राजनेता भी थे। दाउद के रडार पर शिवसेना के नेता हुआ करते थे। हमलोगों ने ऐसे कई शूटर्स को पकड़ा। पूछताछ में उन्होंने बताया कि डी कंपनी कैसे काम करती है। क्यों दाउद शिवसेना नेताओं से नफरत करता था।
एनकाउंटर स्पेशलिस्ट ने आगे कहा, दाऊद का एक छोटा भाई इकबाल कासकर अब भी मुंबई में रहता है। उसको दुबई से डिपोर्ट किया गया था। मुंबई आकर एक केस में अरेस्ट किया गया। फिर उस केस से बाहर आने के बाद वो ठाणे में एक्सटॉर्शन रैकेट चला रहा था। उसी समय मेरी पोस्टिंग ठाणे में हुई। इस रैकेट का पता चला तो हमने जांच शुरू की और जांच इकबाल तक पहुंची। फिर हमलोग नागपाड़ा में गए। इकबाल अपनी बहन के घर में रहता था। घर के नीचे उसने 8-10 लोग लगा रखे थे। वहां पुलिस वाले भी कम जाते हैं, मगर कोई चला जाए तो उसको खबर कर देते थे। मुझे ये बात पता चली तो मैंने 3-4 अपने प्राइवेट लोगों को 8-10 दिन तक नजर रखने को कहा। कईदिनों तक उस पर नजर रखी। अपने मुखबिरों को उस पर नजर बनाए रखने को कहा।
प्रदीप शर्मा बताते हैं फिर फाइनली एक दिन हमलोग गए और इकबाल के ही आदमी को साथ लेकर उसके दरवाजे के की होल के सामने खड़ा कर दिया। उसने की होल से अपना आदमी देखा तो दरवाजा खोल दिया। फिर हम अंदर गए। उस समय इकबाल शालीमार रोड की बिरयानी खाते हुए कौन बनेगा करोड़पति देख रहा था। मैंने उससे कहा, चलो इकबाल भाई, तुम्हारा वक्त खत्म हो गया। उसने कहा, बिरयानी खा लूं. मैंने कहा, हां, खा लो। फिर वो आराम से अरेस्ट हो गया और हम ठाणे लेकर आए। 2017 की बात है ये वो और अब 2025 है। अब भी वो अंदर ही है। प्रदीप शर्मा ने बताया, पूछताछ के दौरान उसने बताया था कि दाऊद पाकिस्तान में ही है। हर महीने दाऊद उसको पैसे भेजता था।
एकाउंटर स्पेशलिस्ट ने आगे बताया कि जब इकबाल को ज्यादा पैसे की जरूरत होती थी तो दाऊद के फोन आने पर उससे बात नहीं करता था। ये दिखाने के लिए मैं नाराज हूं तो इसको मनाने के लिए दाऊद इसको रिश्वत देता था और ज्यादा पैसे देता था। इकबाल कभी भी समुद्र के किनारे नहीं जाता था। पूछताछ में उसने बताया कि समुद्र किनारे न जाने का कारण ये है कि अगर समुद्र किनारे वो गया तो दाऊद जहाज भेजकर उसे अगवा कर पाकिस्तान लेता जाएगा और वो पाकिस्तान जाना नहीं चाहता था। प्रदीप शर्मा ने ये भी बताया कि दाउद इस वक्त भी पाकिस्तान में है। उसके साथ शकील भी रहता है। पाक सरकार दाउद की मदद करती है। प्रदीप शर्मा ने कहा कि हम दाउस को पकड़ सकते हैं। लेकिन दाउद की किस्मत अच्छी थी और वह मुम्बई से भागने में कामयाब रहा।