Electric Vehicle Policy Extended in UP: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए एक बार फिर बड़ा कदम उठाया है। उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण एवं गतिशीलता नीति 2022 के तहत सरकार ने ई-वाहन की खरीद और रजिस्ट्रेशन पर दी जाने वाली छूट को फिर से लागू करने का निर्णय लिया है। यह छूट पहले 13 अक्टूबर 2025 को समाप्त हो गई थी, जिसके बाद ई-वाहन की बिक्री में थोड़ी कमी देखी जा रही थी। अब इस फैसले से ई-वाहन खरीदने वालों की संख्या में एक बार फिर तेजी आने की उम्मीद है।
दीपावली से पहले तोहफा,तीन साल तक सौ फीसदी छूट
औद्योगिक विकास विभाग ने दीपावली के त्योहार को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रस्ताव भेजा था कि इस छूट की अवधि को बढ़ाया जाए। मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद अब यह छूट दोबारा लागू कर दी गई है। नई अधिसूचना जारी होने के बाद तीन साल तक प्रदेश में ई-वाहन की खरीद और उसके पंजीकरण पर 100 फीसदी छूट मिलेगी। यानी, अब उपभोक्ताओं को रोड टैक्स या पंजीकरण शुल्क नहीं देना होगा।
नीति के चौथे और पांचवें साल में भी राहत
सरकार ने नीति के चौथे और पांचवें साल में भी इसी तरह की राहत देने की व्यवस्था की है। यानी अगले पांच वर्षों तक ई-वाहन खरीदने वालों को आकर्षक छूट का लाभ मिलता रहेगा। इसका उद्देश्य है कि ज्यादा से ज्यादा लोग पेट्रोल-डीजल के वाहनों की जगह इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल करें, जिससे प्रदूषण घटे और ऊर्जा की बचत हो।
फ्लीट ऑपरेटरों को भी मिलेगी मदद
नई नीति के तहत एग्रीगेटर फ्लीट ऑपरेटर यानी टैक्सी या डिलीवरी सेवा देने वाले व्यवसायियों को भी राहत दी गई है। उन्हें दो पहिया, तीन पहिया या चार पहिया वाहनों के अधिकतम 10 यूनिट खरीदने पर सब्सिडी मिलेगी। वहीं, ई-बस और ई-गुड्स कैरियर (माल ढोने वाले वाहन) के 25 यूनिट तक खरीदने पर भी अनुदान की सुविधा दी जाएगी। इससे राज्य में ई-वाहन आधारित परिवहन सेवाओं को बढ़ावा मिलेगा और रोज़गार के अवसर भी बढ़ेंगे।
राज्य में बढ़ा ई-वाहन का क्रेज
पिछले कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है। टैक्सी सेवाओं, स्कूल वैन, ई-रिक्शा और निजी वाहनों में अब लोग ई-मोबिलिटी को प्राथमिकता देने लगे हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, छूट लागू होने के बाद ई-वाहनों की बिक्री में जबरदस्त उछाल देखा गया है। यही वजह है कि सरकार ने इसे आगे भी जारी रखने का निर्णय लिया है।
शर्तें पहले जैसी ही रहेंगी
उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण एवं गतिशीलता नीति-2022 की बाकी सभी शर्तें पहले की तरह लागू रहेंगी। यानी अनुदान और कर छूट का लाभ उन्हीं उपभोक्ताओं को मिलेगा जो नीति में निर्धारित नियमों को पूरा करते हैं। सरकार का मानना है कि इस नीति से राज्य का औद्योगिक विकास भी तेज होगा और पर्यावरण की स्थिति में सुधार आएगा।