भारत में महिला क्रिकेट का सफर लखनऊ से शुरू हुआ, जिसे आज देश में महिला क्रिकेट के इतिहास में एक महत्वपूर्ण कदम माना जाता है। इस खेल को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने वाले प्रमुख व्यक्तित्व महेंद्र कुमार शर्मा थे, जिन्होंने 1973 में लखनऊ में भारतीय महिला क्रिकेट संघ (WCAI) की स्थापना की। उन्होंने महिलाओं के लिए क्रिकेट को संगठित करने हेतु पहल की और इस खेल को नए मुकाम पर पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई।
महेंद्र कुमार शर्मा उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ से जुड़े थे और उन्होंने देखा कि महिला खिलाड़ियों की संख्या और संभावनाएं बढ़ रही हैं। उन्होंने विभिन्न राज्यों की महिलाओं को एक साथ जोड़कर WCAI की स्थापना की, जिससे महिला क्रिकेट को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिल सकी। इस संस्था ने पहली राष्ट्रीय महिला क्रिकेट प्रतियोगिताओं का आयोजन किया, जिसने देशभर में महिला क्रिकेट को प्रोत्साहित किया।
हालांकि, महिला क्रिकेट का पहला क्लब मुंबई में 1969 में स्थापित हुआ था, लेकिन भारत में महिला क्रिकेट के संस्थागत विकास का श्रेय मुख्यतः लखनऊ और महेंद्र कुमार शर्मा को ही जाता है। शर्मा ने महिलाओं के लिए सॉफ्टबॉल और हैंडबॉल टूर्नामेंट आयोजित कर खेल के प्रति रुचि बढ़ाई, और इससे प्रेरित होकर महिलाओं ने क्रिकेट खेलना शुरू किया।
1976 में भारत की महिला क्रिकेट टीम का पहला टूर
1976 में भारत की महिला क्रिकेट टीम ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैच खेला, जब WCAI ने इस खेल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। इसके बाद WCAI को अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट परिषद की सदस्यता मिली और 1978 में इसे सरकारी मान्यता भी मिली।
लखनऊ ने महिला क्रिकेट के लिए कई उपलब्धियां हासिल कीं। शहर में महिला क्रिकेट का मुख्यालय लंबी अवधि तक रहा, जहां से राष्ट्रीय टीम के चयन होते थे और राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं आयोजित होती थीं। लखनऊ से ही कई प्रतिष्ठित खिलाड़ियों के जन्म और विकास हुए, जिन्होंने भारतीय महिला क्रिकेट को सफलता की ओर ले जाया। इनमें डायना एडुलजी, शांता रंगास्वामी, और अंजुम चोपड़ा जैसे नाम शामिल हैं। वर्तमान समय में भी स्मृति मंधाना, हरमनप्रीत कौर, जेमिमा और शैफाली व अन्य खिलाड़ियों ने इस विरासत को मजबूती दी है।
2006 में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने महिला क्रिकेट का विलय अपने संगठन में किया और तब से मुंबई इसका प्रशासन संभाल रहा है। हालांकि इस विलय ने महिला क्रिकेट को और गति दी, लेकिन लखनऊ को महिला क्रिकेट के विकास में जो योगदान मिला, वह आज भी स्मरणीय है।
रेलवे ने महिला क्रिकेटरों को नौकरी और वित्तीय सहायता दी
भारतीय रेलवे का भी महिला क्रिकेट को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। रेलवे ने महिला क्रिकेटरों को नौकरी और वित्तीय सहायता प्रदान की, जिससे खिलाड़ियों ने निरंतर खेल जारी रखा। रेलवे ने पहला अंतर रेलवे महिला क्रिकेट टूर्नामेंट भी शुरू किया था, जिससे प्रतिभाओं को पहचान मिली और खेल का विस्तार हुआ।
लखनऊ का यह गौरवशाली इतिहास महिला क्रिकेट में महिलाओं के लिए उम्मीद और प्रेरणा का स्रोत है, जिसने भारतीय महिला क्रिकेट को एक नया मुकाम दिया। इस शहर ने न केवल खिलाड़ियों को तैयार किया बल्कि प्रशासनिक और सामाजिक रूप से भी इस खेल को मजबूत किया।


 
