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RBI New rules :अधिग्रहण लोन पर रोक हटी, बैंकों को मिली नई आज़ादी, कैसे निवेश और विकास को मिलेगी रफ्तार

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि अधिग्रहण वित्तपोषण पर लगी रोक हटाना अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा। नए नियमों से कंपनियों को फंडिंग में राहत और बैंकों को निवेश के नए अवसर मिलेंगे।

SYED BUSHRA by SYED BUSHRA
November 8, 2025
in राष्ट्रीय
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Lifting Acquisition Loan Ban Will Boost Economy: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को कहा कि बैंकों पर लागू अधिग्रहण वित्तपोषण (Acquisition Financing) से जुड़ी पाबंदियों को हटाने से देश की रियल इकोनॉमी को नई मजबूती मिलेगी। पिछले महीने आरबीआई ने बैंकों को अब कंपनियों के अधिग्रहण के लिए लोन देने की अनुमति दे दी है। इसके साथ ही IPO में शेयर खरीदने के लिए लोन की सीमा भी बढ़ा दी गई है। यह कदम भारत जैसी बड़ी अर्थव्यवस्था में निवेश और बैंकिंग लोन के विस्तार की दिशा में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है।

सुरक्षा के साथ नई छूट

आरबीआई ने बैंकों को नई स्वतंत्रता तो दी है, लेकिन साथ ही सुरक्षा के लिए कुछ नियम भी जोड़े गए हैं। अब बैंक किसी भी डील की कुल राशि का अधिकतम 70 प्रतिशत तक ही लोन दे सकेंगे। साथ ही बैंकों को लोन और निवेश के बीच संतुलन बनाए रखना अनिवार्य होगा। इसका मकसद यह है कि बैंक जोखिम से सुरक्षित रहें, और साथ ही ग्राहकों को व्यवसायिक अवसरों का पूरा लाभ मिल सके।

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अधिग्रहण प्रक्रिया हुई आसान

पहले कंपनियों को किसी बिजनेस या दूसरी कंपनी का अधिग्रहण करने के लिए बैंक से लोन लेना बेहद मुश्किल था, क्योंकि इस पर कई तरह की सीमाएँ थीं। अब इन पाबंदियों को हटाने के बाद कंपनियां आसानी से फंड जुटाकर मर्जर और अधिग्रहण (M&A) कर सकेंगी। इसका सीधा असर नए निवेश, प्रोजेक्ट्स की शुरुआत और आर्थिक गतिविधियों में तेजी के रूप में दिखाई देगा।

बोर्डरूम के फैसलों में नियामक का दखल नहीं

SBI बैंकिंग और इकॉनॉमिक्स कॉन्क्लेव में बोलते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि कोई भी रेगुलेटर किसी कंपनी के बोर्डरूम के फैसले की जगह नहीं ले सकता। भारत जैसे विविध देश में, हर लोन और निवेश की अपनी अलग प्रकृति होती है। इसलिए बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को प्रत्येक केस की परिस्थिति के हिसाब से निर्णय लेने की आज़ादी मिलनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि नियामक संस्थाएं केवल दिशा तय करती हैं, लेकिन व्यावसायिक निर्णय बैंकों को खुद लेने चाहिए।

मजबूत और स्थिर बैंकिंग प्रणाली की ओर

गवर्नर संजय मल्होत्रा ने यह भी कहा कि आरबीआई की निगरानी नीतियों ने देश की बैंकिंग व्यवस्था को और मजबूत बनाया है। उन्होंने बताया कि रिस्क वेट्स, प्रोविजनिंग नॉर्म्स और काउंटर-साइक्लिकल बफ़र्स जैसे उपाय बैंकों को अस्थिर परिस्थितियों से बचाने में मदद करते हैं। इन नीतियों की वजह से भारतीय बैंकिंग सेक्टर आज लचीला और सुरक्षित बना हुआ है।

Tags: acquisition loan policyRBI governor statement
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