राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हवा की गुणवत्ता लगातार खराब होती जा रही है। इसी को देखते हुए CM रेखा गुप्ता ने शनिवार को दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (DUSIB) को निर्देश दिया है कि वह सभी झुग्गी बस्तियों में एक सर्वे करे।
इस सर्वे का मकसद उन परिवारों की पहचान करना है जो अभी भी पुराने चूल्हे या कोयले की अंगीठी का इस्तेमाल कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे परिवारों को उज्ज्वला योजना का लाभ दिया जाएगा, ताकि वे साफ-सुथरे (स्वच्छ) ईंधन का इस्तेमाल शुरू कर सकें।
इस कदम से न केवल लोगों को सुविधा मिलेगी बल्कि प्रदूषण पर भी नियंत्रण करने में मदद मिलेगी। May 2016 में शुरू की गई प्रमुख सामाजिक कल्याण योजना, जिसे आधिकारिक तौर पर प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के नाम से जाना जाता है, का उद्देश्य वंचित परिवारों को स्वच्छ रसोई ईंधन उपलब्ध कराना है। CM गुप्ता ने कहा कि उनकी सरकार प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की एक टीम पहले से ही काम कर रही है, जो प्रदूषण के स्रोतों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है और चिन्हित हॉटस्पॉट को साफ करने के लिए लक्षित उपायों को लागू कर रही है।
CM Rekha Gupta के बयान में कहा गया, “प्रदूषण नियंत्रण सिर्फ़ औद्योगिक या वाहन क्षेत्र तक सीमित नहीं रह सकता… इसके लिए घरेलू स्तर पर भी कड़े हस्तक्षेप की ज़रूरत है। झुग्गी-झोपड़ियों में चूल्हों और कोयले के चूल्हों से निकलने वाला धुआँ न सिर्फ़ हवा को प्रदूषित करता है, बल्कि निवासियों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर ख़तरा भी पैदा करता है।दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाना सर्वोच्च प्राथमिकता है, इस बात की पुष्टि करते हुए CM ने कहा कि सड़कों और फुटपाथों की सफाई तथा धूल से निपटने के लिए रखरखाव वैन तैनात की गई हैं।
CM ने सभी शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) और नागरिक एजेंसियों को शहर भर में सफाई के लिए हर उपलब्ध स्वच्छता संसाधन को तैनात करने का निर्देश दिया।





