Pratapgarh drug mafia: उत्तर प्रदेश पुलिस ने प्रतापगढ़ में ड्रग माफिया के खिलाफ अबतक की सबसे बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है, जिसमें ₹2 करोड़ 1 लाख से अधिक की नकदी बरामद हुई, जिसकी गिनती में ही पूरे 22 घंटे लग गए। यह राशि यूपी पुलिस के इतिहास में ड्रग केस से जुड़ी सबसे बड़ी कैश रिकवरी बताई जा रही है। मानिकपुर थाना पुलिस ने जेल में बंद माफिया राजेश मिश्रा के ठिकाने पर छापा मारा और उसकी पत्नी रीना मिश्रा समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है।
👉 जेल में बंद माफिया चला रहा था तस्करी गैंग, 3 करोड़ का माल व नकदी जब्त
➡️ सरगना राजेश मिश्रा जेल से चला रहा था तस्करी का नेटवर्क, पुलिस ने किया भंडाफोड़
➡️ राजेश और रीना की चल अचल संपतियों की पूर्व में हो चुकी है ₹3,06,26,895.50/- की कुर्की
➡️ मानिकपुर पुलिस की सबसे बड़ी… pic.twitter.com/Zsu3z4mMic— PRATAPGARH POLICE (@pratapgarhpol) November 9, 2025
यह गिरोह जेल से ही गांजा और स्मैक (हेरोइन) की तस्करी का कारोबार चला रहा था। पुलिस ने 6.075 किलो गांजा और 577 ग्राम स्मैक भी बरामद की है। इस बड़ी कार्रवाई का नेतृत्व पुलिस अधीक्षक दीपक भूकर ने किया, जिन्होंने पहले माफिया अतीक अहमद और अशरफ पर भी शिकंजा कसा था।
जेल से चल रहा था नेटवर्क, करोड़ों की संपत्ति कुर्की का खुलासा
प्रतापगढ़ के मानिकपुर थाना पुलिस ने एक ऐसे अंतरराज्यीय ड्रग तस्करी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है जिसका संचालन जेल में बंद कुख्यात तस्कर राजेश मिश्रा कर रहा था। पुलिस अधीक्षक दीपक भूकर के निर्देशन में हुई इस छापेमारी में, मिश्रा के मुन्दीपुर गांव स्थित आवास से ₹2.01 करोड़ कैश, 6.075 किलोग्राम गांजा, और 577 ग्राम स्मैक बरामद की गई है। कुल बरामदगी की अनुमानित कीमत ₹3 करोड़ से अधिक आंकी गई है।

छापेमारी और गिरफ्तारी
पुलिस टीम जब राजेश मिश्रा के घर पहुंची, तो उसकी पत्नी रीना मिश्रा ने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। दरवाजा खोलने पर टीम ने देखा कि पांच लोग अंदर काले पन्नियों में नशे का माल छिपाने की कोशिश कर रहे थे। मौके से रीना मिश्रा, उसका बेटा विनायक मिश्रा, बेटी कोमल मिश्रा, रिश्तेदार यश मिश्रा, और अजीत कुमार मिश्रा को गिरफ्तार किया गया।
जांच में खुलासा हुआ कि राजेश मिश्रा जेल से ही फोन और मुलाकात के जरिए अपने परिवार के सदस्यों को नशे के कारोबार के निर्देश देता था। पुलिस ने बताया कि यह गिरोह लंबे समय से गांजा और स्मैक की तस्करी में सक्रिय था और इसी अवैध कमाई से करोड़ों की संपत्ति खड़ी कर चुका था।
फर्जी जमानत और कुर्की
पुलिस जांच में एक और बड़ा खुलासा हुआ है कि रीना मिश्रा और बेटे विनायक मिश्रा ने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर जेल में बंद राजेश मिश्रा की जमानत कराई थी। उन्होंने एक व्यक्ति के नाम पर झूठे कागजात अदालत में पेश किए थे। पुलिस ने इस धोखाधड़ी के संबंध में संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।
यह पहला मौका नहीं है, जब इस गिरोह पर कार्रवाई हुई है। इससे पहले भी राजेश और रीना मिश्रा की ₹3 करोड़ 6 लाख 26 हजार 895 रुपये की चल-अचल संपत्तियां कुर्क की जा चुकी हैं। उन पर गैंगेस्टर एक्ट और एनडीपीएस एक्ट समेत कई गंभीर मामले दर्ज हैं।

बरामदगी का ब्यौरा
मद | विवरण | अनुमानित कीमत |
कैश | ₹2 करोड़ 1 लाख 55 हजार 345 | ₹2,01,55,345 |
गांजा | 6.075 किलोग्राम | ₹3 लाख 3 हजार 750 |
स्मैक (हेरोइन) | 577 ग्राम | ₹1 करोड़ 15 लाख 40 हजार |
कुल अनुमानित बरामदगी | – | ₹3 करोड़ से अधिक |
गिरफ्तार आरोपियों की सूची
क्र.सं. | नाम | उम्र | संबंध/विवरण |
1 | रीना मिश्रा | 40 वर्ष | गिरोह की मुखिया, जेल में बंद राजेश मिश्रा की पत्नी। |
2 | विनायक मिश्रा | 19 वर्ष | राजेश मिश्रा का पुत्र, फर्जी जमानत में शामिल। |
3 | कोमल मिश्रा | 20 वर्ष | राजेश मिश्रा की पुत्री। |
4 | यश मिश्रा | 19 वर्ष | अजीत कुमार मिश्रा का पुत्र, रिश्तेदार। |
5 | अजीत कुमार मिश्रा | 32 वर्ष | पवन कुमार मिश्रा का पुत्र, रिश्तेदार। |
पुलिस की चेतावनी
पुलिस अधीक्षक दीपक भूकर ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई संगठित अपराध और नशे के नेटवर्क को खत्म करने के अभियान का हिस्सा है। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे अपराधियों के खिलाफ आगे भी सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। पुलिस अब तस्करी के पूरे नेटवर्क की जांच कर रही है और जल्द ही और गिरफ्तारियां संभव हैं। इस कार्रवाई से जिले में मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले नेटवर्क की कमर टूट गई है।



