CM Yogi : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर प्रवास के दूसरे दिन गोरखनाथ मंदिर परिसर में आयोजित जनता दरबार में लोगों से सीधा संवाद किया। इस दौरान उन्होंने प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए 200 से अधिक लोगों की समस्याएं सुनीं और संबंधित अधिकारियों को उनके त्वरित समाधान के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने इलाज से जुड़ी परेशानियों के समाधान और जरूरतमंदों को हरसंभव मदद का भरोसा भी दिलाया।
जनता दरबार में सुनी जनसमस्याएं
सीएम योगी ने दिग्विजयनाथ सभागार में जनता दरबार के दौरान लोगों से एक-एक कर मुलाकात की। किसी ने रास्ता बंद होने की शिकायत की, तो किसी ने आवास और चिकित्सा सहायता की गुहार लगाई। मुख्यमंत्री ने सभी शिकायतें ध्यानपूर्वक सुनीं और अधिकारियों को निर्देश दिया कि हर पीड़ित की समस्या का निस्तारण जल्द से जल्द किया जाए।
जनता दरबार में मुख्यमंत्री ने कई आवेदकों से उनके पत्र भी प्राप्त किए। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि जनहित के मामलों में लापरवाही न हो और सभी समस्याओं का समाधान समयबद्ध तरीके से किया जाए।
एकता यात्रा को देंगे हरी झंडी
मुख्यमंत्री योगी आज भी गोरखपुर में प्रवास पर रहेंगे। आज यानी सोमवार को वे सुबह 9:30 बजे वे नगर निगम टाउनहॉल स्थित रानी लक्ष्मीबाई पार्क पहुंचे जहां से उन्होंने ‘एकता पदयात्रा’ का शुभारंभ किया। इस अवसर पर वे रानी लक्ष्मीबाई की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे और उसके बाद सामूहिक रूप से ‘वंदे मातरम’ का गायन कर यात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे।
सीएम करेंगे पदयात्रा का नेतृत्व
सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर यह यात्रा टाउनहॉल से गीता वाटिका तक निकाली जाएगी। मुख्यमंत्री स्वयं टाउनहॉल से काली मंदिर तक करीब 2 किलोमीटर की पदयात्रा में शामिल होंगे। इस दौरान वे गोलघर काली मंदिर चौक पहुंचकर लौह पुरुष सरदार पटेल की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। भाजपा महानगर इकाई की ओर से आयोजित इस विशाल एकता यात्रा को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
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यात्रा का शुभारंभ रानी लक्ष्मीबाई पार्क से होगा और यह महात्मा गांधी प्रतिमा (टाउनहॉल), कचहरी चौराहा, गोलघर, गणेश चौक, काली मंदिर चौक, धर्मशाला ओवरब्रिज, और असुरन चौराहा से होते हुए विशंभर पाठक पार्क, गीता वाटिका पर समाप्त होगी। मुख्यमंत्री योगी का यह दो दिवसीय प्रवास प्रशासनिक सक्रियता और जनसंपर्क दोनों ही दृष्टियों से महत्वपूर्ण माना जा रहा है — एक ओर वे जनता की समस्याएं सुन रहे हैं, वहीं दूसरी ओर एकता और राष्ट्रनिर्माण के संदेश को भी सशक्त रूप में सामने ला रहे हैं।







