नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। बिहार विधानसभा चुनाव में कैराना की लेडी सांसद इकरा हसन का जादू सिर चढ़कर बोला। सीमांचल की धरती से हैदराबाद भाईजान की पतंग को इकरा हसन ने अपने स्पेशल डॉयलॉग के जरिए काटकर महागठबंधन के लिए जमीन तैयार की। इकरा हसन ने सीमांचल की 24 सीटों पर ढेरा जमाए रखा। धुआंधार रैलियां की। चौपाल सजाई। रात को कारों की लाइट जलाकर लोगों को बिहार में परिवर्तन की एबीसीडी बताई। जिसका असर भी हुआ। जो एक्जिट पोल आए हैं, उसमें कैराना की लेडी सांसद की असर दिखा। जहां इकरा हसन ने जनसभाएं की, वहां-वहां महागठबंधन की सीटों मे बढ़ोतरी बताई जा रही है।
उसे कोई लंदन गर्ल कहता है तो कोई गरीबों का मसीहा। कोई कैराना की सांसद इकरा हसन को जादूबर बतता है तो कोई चौधरी परिवार की बेटी को जनसेवक। यही वजह है कि महज डेढ़ साल के अंदर इकरा हसन पोस्टर गर्ल बन गई है। इन्हीं खासियतों के चलते इकरा हसन अखिलेश यादव की कोर ग्रुप की खास सदस्य बन गई है। पिछले डेढ़ वर्षों में जहां-जहां चुनाव हुए, वहां-वहां इकरा हसन का नाम स्टार प्रचारकों वाली लिस्ट में रहा। लंदन गर्ल का जलवा जम्मू-कश्मीर में देखने को मिला। जब दिल्ली में चुनाव हुए तो इकरा यहां भी गरजीं। जिन-जिन सीटों पर इकरा ने चुनाव प्रचार किया, वहां-वहां इंडिया ब्लॉक को जीत मिली। सपा ने बिहार चुनाव में इकरा हसन को उतारा। इकरा की ड्यूटी सीमांचल क्षेत्र में लगाई गई।
सीमांचल की कुल 24 सीटों में से 15 से 18 सीटों पर इकरा ने चुनावी जनसभाएं की। मुस्लिम बाहूल्य इन सीटों पर इकरा का जादू सिर चढ़कर बोला। इकरा की जनसभाओं में हरदिन जनसैलाब उमड़ता। यही वजह रही कि बिहार विधानसभा चुनाव के आखिरी चरण की वोटिंग के बाद जो एक्टिल पोल सामने आए, जिसे देख महागठबंधन के नेता खुशी से झूम उठे। अब हम आपको बताते हैं बिहार चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग के बाद आए एक्जिट पोल सर्वे के बारे में। दरअसल, बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान पूरा हो गया। कुल 243 सीटों पर हुए मतदान में बंपर वोटिंग देखने को मिली है। चुनावी सर्वेक्षण करने वाली एजेंसियों ने बिहार को अंगिका, भोजपुर, मगध, मिथिलांचल और सीमांचल में बांट कर एग्जिट पोल किया है।
जारी एक्जिट पोल के अनुसार, सीमांचल में एनडीए और महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर रहने की उम्मीद है। 24 सीटों में से एनडीए को 10-12 सीटें, महागठबंधन को 8-10 सीटें और अन्य को 2-3 सीटें मिलने के आसार हैं। एक सर्वे ने तो महागठबंधन को लेकर बड़ा आंकड़ा जारी किए है। ये सर्वे सीमांचल के एक लोकल अखबार का है। इस अखबार के अनुसार, सीमांचल में महागठबंधन 15 से 18 सीटें जीत सकती है। बीजेपी के खाते में 6 से आठ सीट आ सकती है। इसबार ओवैसी की पार्टी सीमांचल में खाता नहीं खोल पाएगी। जानकार बताते हैं कि जिन-जिन सीटों पर इकरा हसन ने रैली की, वहां-वहां महागठबंधन को बढ़त मिल सकती है। जानकार बताते हैं कि सीमांचल के मतदाता इसबार बंटा नहीं। मुस्लिम वोटर्स इकतरफा महागठबंधन के साथ खड़ा दिखाई दिया।
अगर सीमांचल वोट शेयरिंग की बात की जाए तो महागठबंधन आगे नजर आ रहा है। महागठबंधन को 49.9 फीसदी, एनडीए को 39.1 फीसदी और अन्य को 16 फीसदी वोट मिलने की संभावना है। एनडीए को सबसे ज्यादा सामान्य वर्ग और महागठबंधन को मुस्लिम वर्ग के वोट मिलने के अनुमान हैं। एनडीए को सामान्य वर्ग का 69 प्रतिशत, ओबीसी का 51 प्रतिशत, एससी का 49 प्रतिशत और मुस्लिम का 10 प्रतिशत वोट प्राप्त होने की उम्मीद है। अगर महागठबंधन की बात करें तो उसे 17 प्रतिशत सामान्य वर्ग, 39 प्रतिशत ओबीसी, 38 प्रतिशत एससी और 78 प्रतिशत मुस्लिम वर्ग के वोट मिलने की संभावना है। जन सुराज पार्टी को सामान्य वर्ग का 7 प्रतिशत, ओबीसी का 4 प्रतिशत, एससी का 5 प्रतिशत और मुस्लिम वर्ग का 4 प्रतिशत वोट मिल सकता है।
मतदान के बाद जो एक्जिट पोल सामने आए हैं, उनमें सिर्फ सीमांचल में ही महागठबंधन को बढ़त बताई गई है, बांकि अन्य क्षेत्रों में एनडीए ने शानदार प्रदर्शन किया है। एमएटीआरआईजेड-आईएएनएस का एग्जिट पोल सबसे पहले सामने आया जिसमें एनडीए को 147-167 तथा महागठबंधन को 70-90 सीटें मिलने का अनुमान है। इसके अलावा 8 और एग्जिट पोल आए हैं और सभी में एनडीए को बंपर बहुमत मिलता दिख रहा है। हालांकि, असली तस्वीर 14 नवंबर को मतगणना के दिन ही साफ होगी, जब वोटों की गिनती के बाद नतीजे आधिकारिक रूप से सामने आएंगे। बता दें, इस बार बिहार में मतदान दो चरणों में हुआ। पहला चरण 6 नवंबर को और दूसरा 11 नवंबर को। बिहार विधानसभा चुनाव के मतों की गणना का कार्य 14 नवंबर को होगा और शाम तक नतेजे आ जाएंगे।
P MRQ के एग्जिट पोल में में भी एनडीए को जबरदस्त बहुमत मिलता दिख रहा है। इस एग्जिट पोल के मुताबिक, एनडीए को 142-162 सीटें, महागठबंधन को 80-98 सीटें तथा प्रशांत किशोर की जन सुराज को 1-4 और अन्य के खाते में 0-3 सीटें जाने का अनुमान है। वहीं डीवी रिसर्च के एग्जिट पोल में भी एनडीए स्पष्ट बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करता दिख रहा है। एनडीए को 137-152 सीटें, महागठबंधन को 83-98, जनसुराज को 2-4 तथा ओवैसी की पार्टी को 0-2 सीटें मिलती दिख रही हैं।
दैनिक भास्कर के एग्जिट पोल में एनडीए को 145-160 सीटें मिलने का अनुमान है। महागठबंधन को 73-91 तथा अन्य को 5-10 सीटें मिलने का अनुमान है। इस पोल के मुताबिक, बीजेपी को 72-82 सीटें, जेडीयू को 59-68 सीटें, एलजेपी को 4-5 सीटें और हम को 5-5 सीटें मिलने का अनुमान है। वहीं महागठबंधन की बात करें तो आरजेडी को 51-63, कांग्रेस को 12-15, सीपीआईएमल को 6-9, वीआईपी को 0, सीपीआई को 2, सीपीएम को 1 आईआईपी को 0-1 सीटें मिलने का अनुमान है।
पीपुल्स प्लस के एग्जिट पोल्स में भी एनडीए की सरकार बनती दिख रही है। एस एग्जिट पोल के मुताबिक, एनडीए को 133-159 सीटें मिलने का अनुमान है। वहीं महागठबंधन को 75-101 तथा जेएसपी को 0-5 सीटें मिलने का अनुमान है। अन्य के खाते में 2-8 सीटें जा सकती हैं। पोल स्टार के सर्वे में एनडीए की स्पष्ट बहुमत की सरकार बनती दिख रही है। सर्वे के अनुसार एनडीए को 133-148 सीट, महागठबंधन को 87-102 और अन्य को 3-5 सीट मिल सकती हैं। वहीं पार्टीवार बात करें तो बीजेपी को 68-72 और जदयू को 55-60 सीट, लोजपा (आर) 9-12, हम 1-2 और आरएलम को 0-2 सीट हासिल कर सकती है।
पोल्स ऑफ पोल्स (3 एगिज्ट पोल्स) की बात करें तो एनडीए जबरदस्त वापसी करते हुए 138-155 सीटें हासिल कर सकता है। वहीं महागठबंधन को 82-98, जनसुराज को 0-2 था अन्य के खाते में 3-7 सीटें मिलने का अनुमान है। पीपल्स इंसाइट के एग्जिट पोल में भी एनडीए को 133-148 सीटें मिलने का अनुमान है, वहीं महागठबंधन के खाते में 87-102 सीटें जाती हुई दिख रही हैं. जनसुराज को 0-2 सीटें तथा अन्य को 3-6 सीटें मिलने का अनुमान है। जेवीसी एग्जिट पोल में एनडीए को 135-150 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि महागठबंधन को 88-103 सीटें मिलती दिख रही हैं वहीं अन्य के खाते में 3-6 सीटें जाने का अनुमान है।
बिहार के दूसरे चरण की 122 सीटों में एनडीए में सबसे ज़्यादा बीजेपी 53 सीटों पर चुनाव लड़ी थी जबकि जेडीयू 44 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। वहीं हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतनराम मांझी कोटे की सभी 6 सीटों पर चुनाव लड़े। चिराग पासवान ने इस चरण में 15 उम्मीदवार उतारे थे। बिहार में इस बार मुख्य मुकाबाला नीतीश कुमार की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले विपक्षी महागठबंधन के बीच है। वहीं प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश में जुटी हुई है। राज्य में कुल 243 सीटें हैं और बहुमत का आंकड़ा 122 है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में राजनीतिक दलों के बीच जबरदस्त टक्कर देखने को मिला है. पहले और दूसरे चरण में जिस तरह वोटर्स ने घर से बाहर निकल कर मतदान किया है। वह भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक बड़ी घटना के समान है। 6 नवंबर को पहले चरण में 121 विधानसभाओं में 64.66 प्रतिशत वोट पड़े, जो 2020 के 57.29 प्रतिशत से 7.37 प्रतिशत अधिक है। दूसरे चरण में, 11 नवंबर को 122 विधानसभाओं में सायं 5 बजे तक 67.14 प्रतिशत वोटिंग हो चुकी थी, जो कुल मिलाकर 65-70 प्रतिशत के बीच पहुंचने का अनुमान है। बिहार चुनाव में इस बार वोटिंग के सारे पुराने रिकॉर्ड ध्वस्त हो गए हैं। 2000 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान 62.57 फीसदी मतदान हुआ था। वहीं, 1998 के लोकसभा चुनाव में 64.6 फीसदी वोटिंग हुई थी, जो राज्य में सर्वाधिक मतदान का रिकॉर्ड है।










