नई दिल्ली: राजधानी की बिगड़ती वायु गुणवत्ता , AQI और सरकार की निष्क्रियता के खिलाफ मंगलवार दोपहर JNU, DU और जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों सहित सैकड़ों दिल्लीवासियों ने (18 नवंबर, 2025) को जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया और राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की।इस प्रदर्शन में छात्रों, पेशेवरों और विभिन्न सामाजिक समूहों के लोगों ने हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि बढ़ता प्रदूषण न केवल मौजूदा स्वास्थ्य समस्याओं को गंभीर बना रहा है, बल्कि आने वाले वर्षों में दिल्लीवासियों पर इसका बेहद खराब प्रभाव पड़ेगा। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के कारण हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं और अगर अभी भी कदम नहीं उठाए गए, तो भविष्य में स्थिति और खराब होगी। हालांकि, दिल्ली सरकार की ओर से प्रदूषण रोकने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं, जिनमें नियमित रूप से पानी का छिड़काव, सड़कों की सफाई, और कृत्रिम वर्षा (क्लाउड सीडिंग) की पहल शामिल है। दिवाली के बाद से दिल्ली लगातार “बहुत खराब” वायु स्थिति से जूझ रही है, तथा वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) कई दिनों तक 300-400 से ऊपर बना हुआ है।
BJP के दिल्ली प्रवक्ताओं अनिल गुप्ता और नेओमा गुप्ता ने प्रदर्शन के प्रति सकारात्मक रुख जताते हुए कहा कि युवाओं और समाज में प्रदूषण को लेकर बढ़ती जागरूकता एक अच्छी बात है। बयान में कहा गया कि “प्रदूषण के कई कारण हैं… पिछले एक दशक में प्रदूषण पर नियंत्रण में सरकारों की विफलता रही है। लेकिन अब भाजपा सरकार पूरी क्षमता से प्रदूषण कम करने के लिए प्रयास कर रही है।
कॉलेज के प्रथम वर्ष के छात्र अनमोल ने कहा, “पहला कदम होना चाहिए कि सरकार जलवायु आपातकाल घोषित करे। दूसरा, हवा की गुणवत्ता का असली डेटा सार्वजनिक करे, और तीसरा, सार्वजनिक परिवहन पर तुरंत ध्यान दे। यह बुनियादी ज़रूरतें हैं और सरकार न्यूनतम भी नहीं कर रही है।कई प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि सरकार प्रदूषण को इसलिए नजरअंदाज कर रही है क्योंकि दिल्ली में यह ‘वोटिंग इश्यू’ नहीं माना जाता।जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के 29 वर्षीय PHD छात्र रणविजय सिंह ने कहा, “सरकार कहती है कि उन्हें सत्ता संभाले सिर्फ दस महीने हुए हैं, लेकिन प्रदूषण की समस्या पहले से मौजूद थी। अब जब उनके पास सत्ता है और वे बदलाव ला सकते हैं, तो कार्रवाई क्यों नहीं हो रही?”
प्रदर्शनकारियों ने प्रतीकात्मक रूप से औद्योगिक-ग्रेड श्वसन मास्क पहने थे और तख्तियां पकड़ी हुई थीं, जिनमें से एक पर लिखा था, “दिल्ली ICU में है, सरकार कहां है?
एक प्रदर्शनकारी ने पूछा, “उत्तर भारत में जीवन की गुणवत्ता ख़त्म हो गई है… ख़राब हवा के कारण हमें स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ हो रही हैं, हमारे बच्चे परेशान हैं। अगर नागरिक ऐसे माहौल में रहेंगे तो हम पाँच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का क्या करेंगे?”







