Yogi Govt UP Land Records: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के करोड़ों किसानों को बड़ी राहत देते हुए खतौनी (भू-अभिलेख) में नाम सुधार के नियमों को सरल बनाने का महत्वपूर्ण फैसला किया है। वर्तमान में खतौनी और आधार कार्ड में नाम की वर्तनी, पिता का नाम या सरनेम में अंतर होने के कारण लाखों किसानों का डाटा मैच नहीं हो पाता है। इस तकनीकी खामी की वजह से वे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 6,000 रुपये की वार्षिक सहायता और अन्य सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित रह जाते हैं।
इस समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए Yogi Govt राजस्व परिषद अब किसानों को आधार कार्ड के अनुसार खतौनी में नाम संशोधित करने की अनुमति देगा। यह प्रक्रिया अब लंबी अदालती कार्रवाई के बजाय स्थानीय राजस्व कर्मियों की सत्यापन रिपोर्ट पर आधारित होगी। इस ऐतिहासिक कदम से न केवल प्रशासनिक जटिलताएं कम होंगी, बल्कि प्रदेश के तीन करोड़ से अधिक किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।
क्यों पड़ी इस बदलाव की जरूरत?
वर्तमान में प्रदेश में खतौनी को आधार कार्ड से लिंक करने का एक व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान यह सामने आया कि लाखों किसानों का डाटा केवल इसलिए रिजेक्ट हो रहा है क्योंकि उनके सरकारी दस्तावेजों में नामों में मामूली अंतर है।
मुख्य समस्या: खतौनी में हिंदी नाम और आधार में अंग्रेजी नाम की स्पेलिंग में मिसमैच।
परिणाम: ‘पीएम किसान सम्मान निधि’ की 2-2 हजार रुपये की किस्तें रुक जाना।
प्रभाव: फसल बीमा, ऋण माफी और भूमि अधिग्रहण के समय भी किसानों को दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते थे।
कैसे काम करेगी नई व्यवस्था?
राजस्व परिषद ने इस प्रक्रिया को पारदर्शी और तेज बनाने के लिए विशेष तैयारी की है:
कोर्ट से मुक्ति: अब नाम सुधार के लिए किसानों को कोर्ट या लंबी कानूनी प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा।
सत्यापन प्रक्रिया: लेखपाल या राजस्व निरीक्षक (Revenue Inspector) यह सत्यापित करेंगे कि खतौनी और आधार कार्ड में दर्ज व्यक्ति एक ही है। इसके लिए राशन कार्ड या जन्म प्रमाण पत्र का सहारा लिया जा सकता है।
ऑनलाइन और ऑफलाइन सुविधा: अगले दो महीनों में सॉफ्टवेयर अपडेट कर दिया जाएगा, जिसके बाद तहसील स्तर पर कैंप लगाकर या ऑनलाइन माध्यम से आवेदन स्वीकार किए जाएंगे।
महत्वपूर्ण नोट: यह सुविधा पूरी तरह से सुरक्षित रखी गई है ताकि किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी न हो सके। सुधार तभी मान्य होगा जब संबंधित राजस्व कर्मचारी अपनी सत्यापन रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
डिजिटल इंडिया की ओर एक और कदम
विशेषज्ञों का मानना है कि Yogi Govt का यह निर्णय ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाला है। यह कदम न केवल किसान सम्मान निधि का रास्ता साफ करेगा, बल्कि भूमि रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण (Land Record Digitization) की दिशा में भी एक मील का पत्थर साबित होगा। किसान संगठनों ने भी इस फैसले का स्वागत किया है, क्योंकि इससे समय और धन दोनों की बचत होगी।








