नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। बिहार विधानसभा चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी के गमछे का जादू सिर चढ़कर बोला। प्रदेश की जनता ने एकबार फिर से एनडीए की सरकार बना दी। कई विपक्षी नेताओं ने दावे किए थे कि बीजेपी की जीत के बाद नीतीश कुमार सीएम नहीं बनेंगे। बीजेपी सुशासन बाबू के साथ खेला करेगी। पर ऐसा नहीं हुआ। पीएम नरेंद्र मोदी ने गमझा हिलाकर विपक्षियों के अरमानों पर पानी फेरते हुए नीतीश कुमार के नाम पर मुहर लगा दी। मुन्ना से सुशासन बाबू बने नीतीश कुमार ने 10वीं बार सीएम पद की शपथ लेते हुए नया कीर्तिमान गढ़ा। सूबे को दो डिप्टी सीएम भी मिले। दोनों डिप्टी सीएम बीजेपी के कोटे से आए हैं। इनसब के बीच सीएम नीतीश कुमार ने मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर दिया। 20 साल के बाद नीतीश कुमार के बजाए बिहार के गृहमंत्री की कुर्सी सम्राट चौधरी को मिली है। ऐसे में सोशल मीडिया पर कयासों को बाजार गर्म है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कुछ माह पहले सीएम नीतीश कुमार के साथ सड़क पर खड़े होकर अपना गमछा हिलाया था। तब लोग इसे मात्र एक इतेफाक मान रहे थे। लेकिन जैसे ही बिहार चुनाव आया। रैली-जनसभाएं शुरू हुई। पीएम नरेंद्र मोदी की चुनावों में एंट्री हुई, तभी गमछा फिर से दिखा। पीएम मोदी ने ऑन-बान और शान के साथ गमछे के जरिए बड़े उलटफेर के संकेत दे दिए थे। चुनाव में पीएम मोदी के गमछे का जादू सिर चढ़कर बोला। बिहार में एनडीए को प्रचंड जीत मिली। नीतीश कुमार ने 10वीं बार सीएम पद की शपथ ली। सीएम के साथ सम्राट चौधरी ने भी डिप्टी सीएम की शपथ ली। ऐसी चर्चा थी कि नीतीश कुमार के हाथों में ही राज्य की सुरक्षा की कमान रहेगी। सुशासन बाबू ही बिहार के गृहमंत्री की कुर्सी पर बैठेंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। गृहमंत्री का चेयर पर सुशासन बाबू ने बीजेपी के दूसरे योगी यानि सम्राट चौधरी को बैठाकर बड़ा खेला कर दिया है। सम्राट चौधरी को गृहमंत्रालय मिलने पर कई तरह की चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।
दरअसल पिछले 20 सालों से गृहमंत्रालय सीएम नीतीश कुमार के पास था। लेकिन अब ये मंत्रायल डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी के हाथों में है। यह सिर्फ मंत्रालय का बदलाव नहीं यह सत्ता का नया नक्शा तैयार करने वाला फैसला है। गृह विभाग बिहार सरकार का सबसे अहम मंत्रालय माना जाता है। कानून-व्यवस्था,पुलिस प्रशासन, खुफिया तंत्र और राज्य की सुरक्षा से जुड़ा हर अहम आदेश। अब तक ये सब फैसले सीधे मुख्यमंत्री निवास से निकलते थे, लेकिन पहली बार यह शक्ति सीएम हाउस से निकलकर डिप्टी सीम सम्राट चौधरी के हाथों में पहुंच गई है। यही कारण है कि इसे सिर्फ डिपार्टमेंट शक्ल नहीं, बल्कि सत्ता संरचना में ऐतिहासिक बदलाव माना जा रहा है। गृह विभाग मिलने का मतलब साफ है अब राज्य की सुरक्षा, पुलिस सिस्टम, ट्रांसफर-पोस्टिंग और इन्वेस्टिगेशन जैसे बड़े फैसले उपमुख्यमंत्री के दफ्तर से तय होंगे। राजनीतिक गलियारों में एक बात अब साफ-साफ कही जा रही है सत्ता का नया केंद्र अब सिर्फ मुख्यमंत्री आवास नहीं, बल्कि सम्राट चौधरी का ऑफिस भी होगा। यह फैसला दिखाता है कि बीजेपी सरकार में अपना दबदबा तेज़ी से बढ़ा रही है।
सम्राट चौधरी को पार्टी और सत्ता दोनों में टॉप लेवल रोल दिया जा रहा है। आने वाले महीनों में वे बिहार बीजेपी का सबसे बड़ा चेहरा बनकर उभर सकते हैं। उनकी तेज शैली, पार्टी पर पकड़, और अब गृह की कमान यह सब मिलकर उनके कद को सीएम के बाद सबसे ताकतवर बना रहा है। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि क्या यह नीतीश की नई रणनीति है या धीरे-धीरे सत्ता हस्तांतरण की शुरुआत। सम्राट चौधरी कद कई गुना बड़ा, पावर का नया चेहरा हो गए हैं। इतना तय है गृह विभाग मिलने के बाद सम्राट चौधरी सिर्फ उपमुख्यमंत्री नहीं रहे, वे अब सरकार का दूसरा सबसे बड़ा पावर सेंटर बन चुके हैं। यह सिर्फ जिम्मेदारी का विस्तार नहीं, यह बिहार की राजनीति में एक नए शक्ति केंद्र के उदय का एलान है। जानकार बता रहे हैं कि आने वाले समय में बिहार में बड़े परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं। बतौर गृहंत्री सम्राट चौधरी घुसपैठियों पर बड़े एक्शन का ऐलान कर सकते हैं। दावा तो यहां तक किया जा रहा है कि सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में सम्राट चौधरी भविष्य के सीएम बनने का ककहरा सीखेंगे।
सम्राट चौधरी का राजनीतिक व्यक्तित्व आक्रामक है। उनका स्टाइल सीधा-सपाट और दो टूक माना जाता है। सम्राट चौधरी की छवि आक्रामक नेता की रही है, ऐसे में उनके किसी भी बयान या कार्रवाई को तुरंत राजनीतिक हथियार बनाया जा सकता है। कई बार झूठा नैरेटिव भी चलाया जाएगा। क्योंकि, निशाना सम्राट चौधरी से जयादा बीजेपी पर होगा। नीतीश ने यह दौर कम झेला, सम्राट को हर दिन इससे लड़ना होगा। अब सोशल मीडिया पर लोग लिख रहे हैं कि बिहार में भी बुलडोजर तेजी से सड़क पर चलता हुआ दिखाई देगा। अब अपराधियों के थानों में सरेंडर कर तस्वीरें अखबारों की सुर्खियों में रहेंगी। अब ऑपरेशन लंगड़ा भी देखने को मिलेगा। घुसपैठियों पर एक्शन होगा। कुछ लोग लिख रहे हैं कि सपा सांसद इकरा हसन ने जो कहा वह कुछ हद तक सच साबित हुआ। आने वाले दिनों में बिहार को नया सुसाशान बाबू शाएद मिल जाए। हो सकता है चौधरी ही बिहार के सम्राट बन जाएं। दरअसल, इकरा ने चुनाव प्रचार के वक्त कहा था कि एनडीए की जीत के बाद नीतीश कुमार सीएम नहीं बनेंगे। बीजेपी अपने किसी नेता को सीएम बनाएगी।








