दिल्ली पुलिस (Crime Branch) ने एक बड़े अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्करी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है, जिसमें पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का सहारा बताया जा रहा है। तस्कर पाकिस्तान से हथियारों को ड्रोन के ज़रिए भारत भेजते थे। ये ड्रोन कम ऊँचाई पर उड़ाकर वेपन्स और कारतूस पूर्व-निर्धारित GPS स्थानों पर गिराते थे। कुल 10 विदेशी-निर्मित सेमी-ऑटो पिस्टलें बरामद की गई हैं, जिनमें तुर्की का PX-5.7 शामिल है। इसके साथ 92 जिंदा कारतूस भी मिले हैं। कुछ पिस्टलें चीन में बनी (जैसे PX-3) भी हैं। पुलिस ने 4 मुख्य संदिग्ध को गिरफ्तार किया है मंजीप सिंह (38), दलविंदर कुमार (34), रोहन तोमर (30), और अजय (37)।
दिल्ली पुलिस के अनुसार, पाकिस्तान स्थित तस्कर सीमा के संवेदनशील हिस्सों के पास हथियार, गोला-बारूद और अन्य प्रतिबंधित वस्तुओं को गिराने के लिए विशेष रूप से तैयार वाणिज्यिक ड्रोन तैनात करते हैं, मुख्य रूप से देर रात के समय, ताकि पकड़े न जा सकें।
गिरफ्तार आरोपी पंजाब (जालंधर) और UP (बागपत) के रहने वाले हैं। इनमें से मंजीप और दलविंदर का क्रिमिनल बैकग्राउंड है , मंजीप पर हत्या और अन्य गंभीर मामलों का आरोप है। रोहन और अजय पहले Anil Baliyan / Sanjeev Jeeva गैंग से जुड़ चुके थे और अन्य गैंगस्टरों को हथियार सप्लाई करते थे। दिल्ली पुलिस का आरोप है कि यह तस्करी रैकेट लॉरेंस बिश्नोई, बमबीहा, गोगी और हिमांशु भाऊ जैसे गैंगों तक हथियार पहुंचा रहा था। पूछताछ से पता चला है कि मनीदीप और दलविंदर सोनू खत्री के संपर्क में थे।
पुलिस को 19 नवम्बर को गुप्त सूचना मिली थी कि रोहिणी इलाके में ड्रोन से भेजी गई बंदूकों की खेप आएगी। यह ऑपरेशन DCP संजीव कुमार यादव के नेतृत्व वाली टीम द्वारा चलाया गया। उसके बाद पुलिस ने ट्रैप लगाया और Swift Dzire कार को रोकर तलाशी ली, जिसमें छिपे डफ्ल बैग में हथियार मिले। एक स्पीकर बॉक्स के अंदर छिपे बैग में 8 पिस्टल और 84 कारतूस बरामद हुए। आगे की जांच अभी जारी है — पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह रैकेट और कहाँ तक फैला हुआ है, और हथियारों के अंतिम रिसीवर कौन थे। अधिकारियों का कहना है कि यह सफलता क्षेत्र की अस्थिरता को बढ़ाने वाले हथियारों के तस्करी नेटवर्क के लिए बड़ा झटका है।









