UP New Labour Code: देश के 29 पुराने श्रम कानूनों को खत्म करते हुए, उत्तर प्रदेश में अब चार नए श्रम कानून लागू हो गए हैं। इन कोड्स से राज्य के श्रमिकों को न्यूनतम वेतन की गारंटी, नियुक्ति पत्र, समान वेतन, सामाजिक सुरक्षा और ओवर टाइम पर दोगुना वेतन जैसे कई महत्वपूर्ण अधिकार मिलेंगे। विशेष रूप से, गिग वर्कर्स (जैसे ओला-उबर ड्राइवर और जोमैटो-स्विग्गी डिलीवरी पार्टनर) और प्रवासी श्रमिकों को पहली बार कानूनी सुरक्षा के दायरे में लाया गया है। इसके अलावा, महिलाओं को अब नाइट शिफ्ट में काम करने का अधिकार मिल गया है, और खतरनाक क्षेत्रों (खनन, केमिकल, कंस्ट्रक्शन) में काम करने वालों को 100% स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित की गई है। ये बदलाव विकसित उत्तर प्रदेश @2047 के लक्ष्य की दिशा में एक मजबूत आधार तैयार करेंगे।
प्रमुख प्रावधान और कर्मचारियों को मिलने वाले लाभ
UP New Labour कानूनों में कर्मचारियों के लिए कई अभूतपूर्व बदलाव शामिल किए गए हैं:
ग्रेच्युटी का नियम बदला: पहले जहाँ 5 साल की नौकरी के बाद ग्रेच्युटी मिलती थी, अब सिर्फ एक साल की स्थाई नौकरी के बाद ही कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का लाभ मिल सकेगा। यह प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए बड़ा फायदा है।
गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को सुरक्षा: ओला-उबर ड्राइवर, जोमैटो-स्विग्गी डिलीवरी पार्टनर जैसे ऐप-बेस्ड वर्कर्स को पहली बार कानूनी मान्यता मिली है और वे अब सामाजिक सुरक्षा का लाभ पा सकेंगे। एग्रीगेटर्स को अपने टर्नओवर का 1-2% योगदान देना होगा, और UAN लिंक होने से राज्य बदलने पर भी यह लाभ जारी रहेगा।
ओवर टाइम पर डबल वेतन: कर्मचारियों को अब ओवर टाइम का भुगतान डबल रेट पर किया जाएगा, जिससे भुगतान में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
महिलाओं को नाइट शिफ्ट का अधिकार: कामकाजी महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने का अधिकार मिला है, साथ ही उन्हें समान वेतन और सुरक्षित कार्यस्थल की गारंटी भी दी गई है।
नियुक्ति पत्र की अनिवार्यता: नियोक्ताओं को अब हर कर्मचारी को नियुक्ति पत्र देना अनिवार्य होगा।
स्वास्थ्य जांच: 40 वर्ष से अधिक उम्र वाले कर्मचारियों की साल में एक बार मुफ्त स्वास्थ्य जांच की जाएगी।
उद्योग और राजनीतिक प्रतिक्रिया
UP New Labour विभाग के अनुसार, नए लेबर कोड रोजगार और औद्योगिक व्यवस्था को नई परिभाषा देने वाले हैं। इन बदलावों से कंपनियों का बोझ कम होगा और उद्योगों को सिंगल लाइसेंस और सिंगल रिटर्न सिस्टम से लालफीताशाही से राहत मिलेगी।
कर्मचारी यूनियन अध्यक्ष सतीश पांडे ने इस कानून का स्वागत करते हुए कहा कि यह कर्मचारी और श्रमिकों के हित में है, विशेष रूप से एक साल पर ग्रेच्युटी और महिलाओं को नाइट ड्यूटी का हक मिलने के प्रावधानों के लिए।
हालांकि, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने इस कानून की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि यह कानून प्राइवेट कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए बना है और इसमें श्रमिकों के हितों को नजरअंदाज किया गया है। उन्होंने सरकार के इस दावे को गलत बताया कि यह कानून मजदूरों के हक में है।


