28 नवम्बर 2025 — पूर्व IPS और पुडुचेरी की पूर्व उपराज्यपाल Kiran Bedi ने राजधानी दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण की विकट स्थिति को “दुःखद” और “अस्वीकार्य” बताते हुए PMO से सक्रिय हस्तक्षेप की अपील की है। Bedi ने सोशल मीडिया पर बताया कि उनका मुहल्ला Indirapuram (गाज़ियाबाद–NCR) में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 587 तक पहुंच गया था, जो “भयानक” स्तर है। इस वजह से उन्होंने अपने बच्चे को स्कूल भेजने से इनकार कर दिया और स्कूल के प्रधानाचार्य को एक सख्त पत्र लिखा।
“यह हालत कोविड जैसा है” — Bedi
प्रदूषण की धुंध को देखते हुए, Bedi ने इसे COVID-19 महामारी जैसी गंभीरता बताया। उन्होंने कहा कि लोग घरों में कैद हो गए हैं, और वायु प्रदूषण उनकी सेहत पर भारी असर डाल रहा है। Bedi ने PMO से आग्रह किया है कि वो “प्रोएक्टिव” तरीके से कदम उठाए चाहे वह वाहनों पर नियंत्रण हो, निर्माण-धूल रोकना हो या औद्योगिक उत्सर्जन पर पाबंदी। उनका कहना है कि सिर्फ चेतावनी या सलाह से काम नहीं चलेगा, बल्कि दृढ़ और तत्कालीन नीति बनानी होगी।
विशेषज्ञों के मुताबिक, इस समय दिल्ली-NCR की हवा “बहुत खराब” श्रेणी में है, कई इलाकों में AQI लगातार 400–500 पार कर रहा है। इस वजह से सांस, आंखों में जलन, अस्थमा या अन्य स्वास्थ्य शिकायतें बढ़ने लगी हैं। उन बच्चों, बुजुर्गों और कमज़ोर प्रतिरक्षा वाले लोगों के लिए हालत और गंभीर है।
नीति, जागरूकता और त्वरित कार्रवाई ज़रूरी
अब सवाल यह है कि क्या सरकार/प्रशासन और समुदाय मिलकर तत्काल कदम उठाएंगे। विशेषज्ञों की राय है कि — वाहनों व निर्माण-धूल पर पाबंदी हो। लोगों को मास्क, वायु शुद्धिकरण और स्वास्थ्य-जागरूकता के लिए प्रोत्साहित किया जाए। प्रदूषण-नियंत्रण के लिए दीर्घकालीन नीति बनाई जाए।



