Uttar Pradesh Assembly Winter Session: उत्तर प्रदेश विधानमंडल का शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर से शुरू होगा और 24 दिसंबर तक चलने की संभावना है। सीमित अवधि के बावजूद सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं, क्योंकि सरकार अनुपूरक बजट भी लाने वाली है और विपक्ष कई संवेदनशील मुद्दों पर घेराबंदी की तैयारी में है।
सत्र की तारीखें और सरकार का एजेंडा
राज्य सरकार ने कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के ज़रिए 19 दिसंबर से शीतकालीन सत्र बुलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है, जिसे राज्यपाल के अनुमोदन के लिए भेजा गया है। सत्र करीब चार से पाँच दिनों तक चल सकता है और वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के अनुसार इस दौरान 2025-26 के लिए अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा, साथ ही कुछ महत्वपूर्ण विधेयक भी सदन में लाए जाएंगे।
योगी सरकार के लिए यह सत्र विकास योजनाओं, कानून-व्यवस्था, निवेश प्रस्तावों और कल्याणकारी योजनाओं पर अपनी उपलब्धियाँ गिनाने का मौका होगा, जबकि वित्तीय वर्ष के बीच में अतिरिक्त व्यय की स्वीकृति के लिए अनुपूरक मांगों पर चर्चा अहम रहेगी।
क्यों मानी जा रही है ‘हंगामेदार’?
राज्य भर में चल रहे मतदाता सूची के “स्पेशल इंटेंसिव रिविज़न (SIR)” अभियान को लेकर विपक्ष पहले से ही चुनाव आयोग और राज्य सरकार पर हमलावर है और इसे संभावित “मतदाता साफ़ी अभियान” करार दे रहा है।
अनुमान है कि SIR के बहाने नाम काटने, अल्पसंख्यक, दलित और विपक्षी समर्थक इलाकों में टारगेटेड कार्रवाई, और BLOs पर पड़ रहे अत्यधिक दबाव, जैसे मुद्दों पर सदन में जमकर नारेबाज़ी और वॉकआउट हो सकते हैं।
इसके अलावा कानून-व्यवस्था, गन्ना किसानों के भुगतान, पेपर लीक, बेरोज़गारी और हाल के प्रदूषण संकट जैसे विषयों पर भी सपा, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल तीखे सवाल उठाने की तैयारी में हैं, जिससे सीमित अवधि के बावजूद सदन का माहौल गर्म रहने की संभावना है।



