KDA Kanpur 6 zones: कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) ने शहर की तेजी से बढ़ती आबादी और भौगोलिक विस्तार को ध्यान में रखते हुए 51 वर्ष बाद अपने प्रशासनिक जोनों की संख्या में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। पहले के चार जोनों की जगह अब नगर निगम की तर्ज पर छह नए जोन बनाए गए हैं। अधिकारियों का मानना है कि इस पुनर्गठन से विकास कार्यों का प्रभावी क्रियान्वयन होगा और आम जनता की शिकायतों का निपटारा भी तेज गति से संभव हो सकेगा।
KDA के अधिकार क्षेत्र में वर्तमान में लगभग 41 लाख नागरिक रहते हैं। केडीए उपाध्यक्ष मदन सिंह गर्ज्याल ने स्पष्ट किया कि छोटे और स्पष्ट रूप से विभाजित जोनों से स्थानीय समस्याओं पर बेहतर निगरानी रखी जा सकेगी और उनके समाधान की गति में वृद्धि होगी। गर्ज्याल के अनुसार, छोटे जोन बनने से न केवल योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आएगी, बल्कि जन शिकायतों का निस्तारण भी पहले की तुलना में अधिक प्रभावी ढंग से किया जा सकेगा। सभी छह जोनों में अधिकारियों की तैनाती कर दी गई है और उनके अंतर्गत आने वाली सीमाओं तथा योजनाओं को स्पष्ट रूप से चिह्नित कर नया मानचित्र भी तैयार कर लिया गया है।
किस KDA जोन में कौन से प्रमुख इलाके?
नए KDA प्रशासनिक ढांचे के तहत, पुराने जोन-1 और जोन-2 को दो-दो हिस्सों में विभाजित किया गया है, जबकि जोन-3 और जोन-4 को यथावत रखा गया है:
जोन-1A: प्रयागराज रोड से गंगा बैराज और दक्षिणी केडीए सीमा तक। इसमें चकेरी, आशियाना, कृष्णा नगर, जाजमऊ, बिरहाना रोड जैसे घनी आबादी वाले इलाके शामिल हैं।
जोन-1B: रावतपुर चौराहा से कन्नौज रोड और उन्नाव की ओर। इसमें ओल्ड कानपुर, दीनदयाल नगर, सिग्नेचर सिटी, लखनपुर और केडीए ग्रीन जैसी आवासीय योजनाएं शामिल हैं।
जोन-2A: कल्याणपुर-पनकी रोड से कानपुर देहात और झीमा तक। इसमें गौतम विहार, जवाहरपुरम, रतनपुर, शताब्दी नगर और महावीर नगर विस्तार जैसी योजनाएं आती हैं।
जोन-2B: कल्याणपुर-पनकी रोड से झांसी रेलवे लाइन के उत्तरी हिस्से तक। इसमें कालपी नगर, इस्पात नगर, पनकी, काकादेव और दादानगर जैसे महत्वपूर्ण औद्योगिक व आवासीय क्षेत्र शामिल हैं।
जोन-3: झांसी रेलवे लाइन के दक्षिणी हिस्से से पांडु नदी और हमीरपुर रोड तक। इसमें गुजैनी, अंबेडकर नगर, रविदासपुरम और जूही जैसे इलाके आते हैं।
जोन-4: अफीम कोठी से प्रयागराज रोड और हमीरपुर रोड के पश्चिमी हिस्से तक। यह क्षेत्र ट्रांसपोर्ट नगर, किदवई नगर, बाबूपुरवा, नौबस्ता और स्वर्ण जयंती विहार जैसी प्रमुख योजनाओं को कवर करता है।
केडीए की स्थापना वर्ष 1974 में कानपुर के नियोजित विकास के उद्देश्य से की गई थी, और यह बदलाव पिछले 51 वर्षों में सबसे बड़ा प्रशासनिक पुनर्गठन है। अधिकारियों को उम्मीद है कि यह कदम न केवल विकास की गति बढ़ाएगा बल्कि रोजमर्रा की जन समस्याओं का समाधान भी कम समय में संभव हो सकेगा।







