BlueBird Block-2 सैटलाइट को सीधा मोबाइल फोन पर 4G/5G सिग्नल पहुंचाने के लिए डिजाइन किया गया है, ताकि जमीन पर नेटवर्क न होने पर भी स्मार्टफोन से कॉल, मैसेज और डेटा इस्तेमाल किया जा सके। यह मिशन दूरदराज इलाकों की कनेक्टिविटी और भारत की कमर्शियल स्पेस क्षमता दोनों के लिए अहम माना जा रहा है।
BlueBird Block-2 क्या है?
BlueBird Block-2 अमेरिकी कंपनी AST SpaceMobile का नया कम्युनिकेशन सैटलाइट है, जिसे ISRO के हैवी-लिफ्ट रॉकेट LVM3-M6 से लॉन्च किया जा रहा है।
इसका वजन करीब 6.5 टन है और यह लो अर्थ ऑर्बिट में तैनात होगा, जहां से यह सीधे मोबाइल नेटवर्क सिग्नल प्रसारित करेगा।
लॉन्च कब और कैसे होगा?
ISRO ने BlueBird Block-2 को 24 दिसंबर 2025 को सुबह 8:54 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च करने का शेड्यूल तय किया है।
LVM3-M6 मिशन ISRO की हेवी रॉकेट सीरीज़ की यह एक प्रमुख व्यावसायिक उड़ान है और ISRO के कुल 101वें ऑर्बिटल लॉन्च के रूप में दर्ज होगी।
मकसद: मोबाइल बातचीत की दुनिया बदलना
BlueBird Block-2 का सबसे बड़ा लक्ष्य है – बिना किसी स्पेशल डिश या सैटलाइट फोन के, सिर्फ सामान्य स्मार्टफोन पर ही सीधे 4G/5G सिग्नल पहुंचाना।
इससे पहाड़, समुद्र, रेगिस्तान, जंगल, ग्रामीण और सीमावर्ती इलाके, जहां आज तक मोबाइल नेटवर्क नहीं या बहुत कमजोर है, वहां भी कॉल, इंटरनेट और वीडियो चैट संभव हो सकेगी।
तकनीक कितनी खास है?
कक्षा में पहुंचने के बाद सैटलाइट करीब 223 वर्ग मीटर के फेज़्ड-अरे एंटेना को तैनात करेगा, जो लो अर्थ ऑर्बिट में किसी भी कमर्शियल कम्युनिकेशन सैटलाइट की अब तक की सबसे बड़ी ऐन्टेना एरे में से एक होगी।
Block-1 सैटलाइट्स की तुलना में Block-2 लगभग 10 गुना ज्यादा बैंडविड्थ देने के लिए डिजाइन किया गया है, और प्रति बीम 40 MHz तक की क्षमता और अधिकतम 120 Mbps तक की स्पीड सपोर्ट करने का लक्ष्य है।
दुनिया और भारत के लिए क्या बदलेगा?
AST SpaceMobile की योजना 60 से अधिक BlueBird सैटलाइट्स की कॉन्स्टेलेशन के जरिए ग्लोबल डायरेक्ट-टू-सेल कवरेज देना है, जिसमें पहले चरण में पूरे अमेरिका को लगभग ‘फुल सैचुरेशन’ कवरेज, और बाद के चरणों में बाकी देशों को जोड़ा जाएगा।
भारत के लिए यह मिशन दो स्तर पर अहम है: एक, दूरदराज भारतीय इलाकों को भविष्य में ऐसी सेवाओं का फायदा मिल सकता है; दूसरा, ISRO की कमर्शियल लॉन्च मार्केट में साख और कमाई दोनों बढ़ेंगी, जैसा पहले OneWeb जैसी कॉन्स्टेलेशन लॉन्च से हुआ था।
स्पेस पार्टनरशिप की नई तस्वीर
यह लॉन्च भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते स्पेस सहयोग का हिस्सा है, जो पहले NISAR जैसे संयुक्त मिशनों से मजबूत हुआ है।
BlueBird Block-2 जैसे हाई-प्रोफाइल कमर्शियल मिशन ISRO को ग्लोबल लॉन्च सर्विस प्रोवाइडर्स – जैसे SpaceX, Blue Origin – की लीग में और मजबूत जगह दिलाने में मदद करेंगे।



