UP Rural Abadi Bill 2025: उत्तर प्रदेश विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में योगी सरकार ने ग्रामीण विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए ‘उत्तर प्रदेश ग्रामीण आबादी अभिलेख विधेयक-2025’ को विधानसभा से पारित करा लिया है। इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आवासीय संपत्तियों के मालिकाना हक को लेकर होने वाले विवादों को समाप्त करना और दस्तावेजीकरण को पारदर्शी बनाना है।
अब तक ग्रामीण क्षेत्रों में पुश्तैनी मकानों के स्पष्ट दस्तावेज न होने के कारण खरीद-बिक्री और उत्तराधिकार (वरासत) में काफी जटिलताएं आती थीं, लेकिन अब ‘घरौनी’ को ही सर्वोच्च आधिकारिक दस्तावेज की मान्यता दे दी गई है। इससे न केवल संपत्तियों का हस्तांतरण आसान होगा, बल्कि ग्रामीण निवासी अपनी घरौनी के आधार पर बैंकों से ऋण भी सुगमता से प्राप्त कर सकेंगे।
विधेयक की मुख्य विशेषताएं और लाभ
इस नए UP Rural Abadi Bill 2025 कानून के लागू होने से ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि प्रबंधन की पूरी प्रक्रिया डिजिटल और कानूनी रूप से सुदृढ़ हो जाएगी। प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं:
नामांतरण में सुगमता: वरासत, क्रय-विक्रय या उपहार के माध्यम से नाम बदलने की प्रक्रिया अब बिना किसी प्रशासनिक उलझन के पूरी की जा सकेगी।
विवादों में कमी: स्पष्ट कानूनी दस्तावेज होने से संपत्तियों पर अवैध कब्जे और आपसी विवादों में भारी गिरावट आएगी।
ऋण सुविधा: घरौनी को आधिकारिक पहचान मिलने से ग्रामीण अपने घरों पर लोन लेकर स्वरोजगार या अन्य जरूरतें पूरी कर सकेंगे।
डिजिटलीकरण: सभी रिकॉर्ड्स को व्यवस्थित और ऑनलाइन अपडेट किया जाएगा, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी।
सदन में विधेयक पर चर्चा के दौरान एक रोचक मोड़ तब आया जब विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने संबंधित विभागीय अधिकारियों की अनुपस्थिति पर गहरी नाराजगी व्यक्त की और इसे संसदीय प्रक्रिया के प्रति उदासीनता बताया।
शीतकालीन सत्र में अन्य महत्वपूर्ण विधेयक
UP Rural Abadi Bill 2025 के अलावा, सदन में कई अन्य महत्वपूर्ण विधायी कार्यों को भी मंजूरी दी गई। प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने जानकारी दी कि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की सहमति के बाद श्री बांके बिहारी मंदिर न्यास विधेयक समेत कुल 10 विधेयक अब कानून बन चुके हैं।
कानून बने प्रमुख विधेयक:
उप्र निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक: शिक्षा क्षेत्र में सुधार हेतु।
उप्र माल एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक: जीएसटी प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए।
उप्र मोटर यान कराधान (संशोधन) विधेयक: परिवहन कर ढांचे में बदलाव।
उप्र लोक अभिलेख विधेयक 2025: सरकारी दस्तावेजों के सुरक्षित रखरखाव हेतु।
इसके अतिरिक्त, सरकार ने कई अध्यादेश भी पटल पर रखे, जिनमें पेंशन की हकदारी, नगर निगम (संशोधन), और शिक्षा सेवा चयन आयोग (संशोधन) अध्यादेश शामिल हैं। ये सभी कदम राज्य की प्रशासनिक और कानूनी व्यवस्था को आधुनिक बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।



